राजमहल–हुर्रा सी–एनटीपीसी कोयला कॉरिडोर होगा मजबूत

WhatsApp Channel Join Now
राजमहल–हुर्रा सी–एनटीपीसी कोयला कॉरिडोर होगा मजबूत


गोड्डा, 29 दिसंबर (हि.स.)। ईसीएल की हुर्रा सी कोयला परियोजना को मेरी-गो-राउंड (एमजीआर) रेल प्रणाली से जोड़ने की पहल को अब केवल एक रेल परियोजना नहीं, बल्कि राजमहल–हुर्रा सी–एनटीपीसी कोयला कॉरिडोर के रूप में देखा जा रहा है। इस कॉरिडोर के सशक्त होने से राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) के फरक्का और कहलगांव ताप विद्युत संयंत्रों को कोयले की निर्बाध, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।

लगभग 9 किलोमीटर लंबी प्रस्तावित नई रेल लाइन को मौजूदा एमजीआर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। इस कार्य को एनटीपीसी की सहायक कंपनी इरकान इंटरनेशनल लिमिटेड की ओर से निष्पादित किया जा रहा है। परियोजना के पूर्ण होते ही हुर्रा सी खदान से कोयला सीधे एमजीआर लूप के माध्यम से एनटीपीसी संयंत्रों तक पहुंच सकेगा।

सड़क परिवहन से मुक्ति, प्रदूषण पर नियंत्रण

वर्तमान में हुर्रा सी परियोजना से राजमहल के सेलो प्वाइंट तक कोयले की ढुलाई सड़क मार्ग से की जा रही है। भारी वाहनों की आवाजाही के कारण क्षेत्र में धूल प्रदूषण, सड़क क्षति और ईंधन की अत्यधिक खपत जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। साथ ही, कोयला परिवहन के दौरान खुले ट्रकों से उड़ने वाली कोयला धूल पर्यावरण और स्थानीय आबादी के स्वास्थ्य के लिए खतरा बनती जा रही है।

नई एमजीआर-जुड़ी रेल लाइन से सड़क मार्ग पर कोयला ढुलाई लगभग समाप्त हो सकेगी। इससे प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है। रेल आधारित परिवहन कोयला ढुलाई का अधिक स्वच्छ और टिकाऊ विकल्प माना जाता है, जिससे कार्बन उत्सर्जन और ध्वनि प्रदूषण दोनों घटते हैं।

कोयला चोरी पर प्रभावी रोक की उम्मीद

सड़क मार्ग से कोयला ढुलाई के दौरान चोरी की घटनाएं भी लंबे समय से ईसीएल के लिए चिंता का विषय रही हैं। खुले ट्रकों और लंबी दूरी की ढुलाई के कारण कोयला चोरी की आशंका बनी रहती है। एमजीआर प्रणाली एक क्लोज्ड-सर्किट रेल नेटवर्क है, जिसमें कोयला खदान से सीधे बिजली संयंत्र तक पहुंचता है, जिससे बीच में हस्तक्षेप की संभावना नगण्य रह जाती है।

इस प्रकार, हुर्रा सी परियोजना का एमजीआर लाइन से जुड़ना कोयला चोरी पर प्रभावी अंकुश लगाने में भी सहायक साबित होगा।

वहीं राजमहल परियोजना से पहले से ही फरक्का और कहलगांव ताप विद्युत संयंत्रों को एमजीआर लाइन के माध्यम से कोयला भेजा जा रहा है। हुर्रा सी परियोजना के जुड़ने से इस कोयला कॉरिडोर की क्षमता और विश्वसनीयता बढ़ेगी, जिससे एनटीपीसी को उत्पादन में निरंतरता बनाए रखने में मदद मिलेगी।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / रंजीत कुमार

Share this story