केंद्र केे जनगणना को स्वीकार नहीं करेगा सरना आदिवासी : गीताश्री
रांची, 18 दिसंबर (हि.स.)। आदिवासी बचाओ मोर्चा ने शिक्षा विभाग की ओर से स्कूली स्तर पर 3 से 18 वर्ष के बच्चों का डहर 2.0 एप के माध्यम से किए जा रहे जनगणना कार्य का कड़ा विरोध जताया है। मोर्चा ने इस प्रक्रिया को आदिवासी समाज की संवैधानिक पहचान के लिए घातक बताया।
गुरुवार को केंद्रीय सरना स्थल, सिरमटोली में प्रेस वार्ता में गीताश्री उरांव ने कहा कि वर्ष 2020 से भारत सरकार आदिवासियों के लिए निर्धारित अन्य कॉलम कोड को हटाकर उनकी पहचान मिटाने का प्रयास कर रही है, जो आज तक पुनर्स्थापित नहीं हुआ है। पांचवीं अनुसूची राज्य झारखंड में आदिवासियों के लिए निर्धारित कॉलम कोड के बिना किसी भी प्रकार की जनगणना प्रक्रिया को सरना आदिवासी समाज स्वीकार नहीं करेगा। मोर्चा ने राज्य सरकार से डहर 2.0 ऐप आधारित इस जनगणना को तत्काल स्थगित करने और अन्य कॉलम कोड को पुनः बहाल करने की मांग की।
मौके पर वक्ताओं ने चेतावनी दी कि जब तक डहर एप में सरना आदिवासियों के लिए अन्य कॉलम नहीं जोड़ा जाता है, तब तक राज्य में यह प्रक्रिया रोकी जानी चाहिए, अन्यथा आदिवासी बचाओ मोर्चा उग्र आंदोलन करेगा।
मौके पर रिम्स सहित अन्य स्थानों पर आदिवासी जमीनों के अवैध दाखिल-खारिज और रजिस्ट्री पर भी सवाल उठाया गया और दोषी पदाधिकारियों की बर्खास्तगी की मांग की गई। साथ ही धार्मिक व खुटकटी जमीन पर अवैध कब्जे को चिन्हित कर विरोध का ऐलान किया गया।
मौके पर पूर्व मंत्री देवकुमार धान, आदिवासी जन परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा, ग्राम प्रधान महासंघ के अध्यक्ष रमेश उरांव, आकाश तिर्की सहित अन्य मौजद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar

