कांग्रेस को भ्रष्टाचार रुकने से परेशानी : सांसद आदित्य साहू

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कांग्रेस को भ्रष्टाचार रुकने से परेशानी : सांसद आदित्य साहू


-भाजपा कार्यकर्ता जी राम जी योजना के पक्ष में अभियान चलाएंगे

रांची, 31 दिसंबर (हि.स.)। भाजपा प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष एवं सांसद आदित्य साहू ने कांग्रेस द्वारा जी राम जी योजना (विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन - ग्रामीण) पर किए जा रहे दुष्प्रचार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस गांव, गरीब एवं किसान विरोधी पार्टी है। भ्रष्टाचार एवं लूट रुकने से उसे परेशानी हो रही है।

भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयाेजित प्रेस वार्ता में आदित्य साहू ने कहा कि जी राम जी योजना के पक्ष में भाजपा कार्यकर्ता अभियान चलाएंगे। भाजपा कार्यकर्ता जनता को नए अधिनियम की खूबियों को जनता के बीच लेकर जाएंगे। और कांग्रेस के दुष्प्रचार का पर्दाफाश करेंगे। आगामी 8 से 10 जनवरी तक भाजपा कार्यकर्ता सभी मंडलों में जी राम जी योजना की विशेषताओं को बताएंगे। जनता को कांग्रेस पार्टी के दुष्प्रचार के खिलाफ जागरूक करेंगे।

आदित्य साहू ने कहा कि जब मनरेगा में फर्जीवाड़ा, भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा हो गयी, कई सुधार के प्रयासों के बावजूद स्थिति नहीं बदली तो फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने विकसित भारत 2047 के संकल्पों को धरातल पर उतारने और उसमें ग्रामीण भारत की बुनियादी सुविधाओं को विकसित कर गांव को आज की आवश्यकताओं के अनुरूप मुख्यधारा में तेजी से जोड़ने के लिए जी राम जी योजना का निर्णय लिया।

उन्होंने कहा कि मनरेगा भ्रष्टाचार, लूट का केंद्र बन गया था। झारखंड ने तो लूट में मिसाल कायम किया। खूंटी जिले में 24 करोड़ के गबन उजागर होने पर कैसे एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को जेल जाना पड़ा, यह आप जानते हैं। झारखंड के लगभग सभी जिलों में मनरेगा में घोटाले उजागर हुए हैं।

उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में मनरेगा योजना में 193.67 करोड़ रुपए का गबन दर्ज किया गया। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2025-26 में पश्चिम बंगाल के 19 जिलों सहित 23 राज्यों की निगरानी में कागजों पर ऐसे कार्य दिखाए गए, जिसका जमीन पर अस्तित्व ही नहीं था।

उन्होंने कहा कि जितनी राशि का खर्च दिखाया गया था उतने कार्य नहीं पाए गए। साथ ही श्रम आधारित कार्यों में मशीनों का उपयोग बड़े पैमाने पर किया गया।

उन्होंने कहा कि करोना महामारी के बाद की अवधि में केवल 7.61 प्रतिशत परिवारों ने 100 दिन का रोजगार पूरा किया। मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार को रोकने की दिशा में 11 वर्षों में बहुत प्रयास किए। जिसके कारण कुछ साकारात्मक परिणाम मिले। महिलाओं की भागीदारी बढ़ी, सक्रिय श्रमिकों की संख्या 12.11 करोड़ पहुंच गई। 99प्रतिशत तक ई भुगतान के बावजूद डिजिटल उपस्थिति दर्ज नहीं की गई। पैसों का गबन होता रहा, काम धरातल पर नहीं उतरे।

उन्होंने कहा कि इसलिए नए अधिनियम की आवश्यकता पड़ी। नया अधिनियम विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यह अधिनियम 20 वर्ष पुराने मनरेगा का विकसित और बड़ा मॉडल है। यह विकसित भारत 2047 के संकल्प को पूरा करने के लिए ग्रामीण श्रमिकों को पहले 100 दिन के बदले अब 125 दिन के कार्य दिवस की गारंटी देता है। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम में किसान और श्रमिक दोनों को लाभ की दृष्टि से ध्यान रखा गया है। वर्ष में 60 दिन नो वर्क अवधि। क्योंकि कृषि कार्य के समय मजदूर कृषि कार्य में शामिल रहते हैं।

कृषि कार्य में मजदूरों को मजदूरी भी ज्यादा मिलती है साथ ही किसानों को समय पर मजदूर भी मिल जाते हैं।

बाकी वर्ष के 300 दिन में 125 दिन काम की गारंटी दी गई है।

काम नहीं मिलने की स्थिति में बेरोजगारी भत्ता का प्रावधान किया गया है। इस अधिनियम के केंद्र और राज्य सरकार का अनुपात 60: 40 है।

उन्होंने कहा कि मजदूरों को 100 की जगह 125 दिन काम मिलेगा इससे कांग्रेस काे परेशानी हो रही है। काम नहीं मिलने पर बेरोजगारी भत्ता मिलेगा। उन्हें इससे परेशानी हो रही है। योजना में राम शब्द आ रहा है इससे परेशानी हो रही है।

उन्होंने कहा कि स्पष्ट है कांग्रेस अपनी पुरानी आदतों से उबर नहीं पा रही है। कांग्रेस को भ्रष्टाचार लूट पसंद है, तुष्टीकरण की राजनीति में डूबी कांग्रेस पार्टी को राम से नफरत है, पहले भी था, आज तक है। कांग्रेस के विरोध का जनता मुंह तोड़ जवाब देगी। आज कांग्रेस अपनी नियत और नीति के कारण ही सत्ता से बाहर है। आगे भी रहेगी।

प्रेसवार्ता में मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा, रमाकांत महतो उपस्थित थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे

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