राष्ट्रीय पुस्तक मेला के तीसरे दिन लोगों का समय बीता किताबों के संग
रांची, 28 दिसंबर (हि.स.)। राजधानी रांची के जिला स्कूल मैदान में समय इंडिया,नई दिल्ली के तत्वावधान में जारी 10 दिवसीय राष्ट्रीय पुस्तक मेला के तीसरे दिन रविवार को मेला परिसर में पुस्तक प्रेमियों की गहमा–गहमी रही।
रविवार छुट्टी का दिन होने के नाते लोगों ने अपना समय किताबों के संग बिताया। तमाम पुस्तक प्रेमियों ने अपनी पसन्द की पुस्तकें चुनी और खरीदीं। कई पुस्तक प्रेमियों ने विभिन्न स्टॉल्स पर घूम–घूमकर पुस्तकों को देखा और फिर आकर खरीदने का मन बनाया। किताबों पर केन्द्रित यह पुस्तक मेला चार जनवरी तक चलेगा। पुस्तक प्रेमियों के लिए मेला परिसर में प्रवेश की समय सुबह 11 बजे से शाम 7: 30 बजे बजे तक है।
चित्रकला प्रतियोगिता संपन्न
पुस्तक मेला में जारी शैक्षिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की कड़ी में रविवार को बच्चों की चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता में तीनों आयु वर्ग के बच्चों ने बढ़–चढ़ कर हिस्सा लिया और रंगों रेखाओं के सहारे अपने भावों को व्यक्त किया। बच्चों की चित्रकला में जहां प्रकृति का खूबसूरत संसार रंगों और रेखाओं के माध्यम से चित्रित हुआ। वहीं सामाजिक जीवन और पर्यावरण से जुड़े गहरे सरोकारों की आहट मिली वहीं सोमवार को पुस्तक मेले में कविता सुनाओ/कहानी लेखन प्रतियोगिता सहित कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
यह प्रतियोगिता दोपहर 3 बजे से आयोजित की जाएगी। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागी कविता सुनाने और कहानी लेखन की कला का प्रदर्शन कर सकेंगे। प्रतियोगिता प्रतिभागियों के लिए नि:शुल्क रखी गई है।
मेले में अच्छी और सस्ती किताबें
पुस्तक मेले में राजपाल एंड संस, प्रकाशन संस्थान, सस्ता साहित्य मण्डल, क्राउन पब्लिकेशन, त्रिदेव बुक्स कलेक्शन के स्टॉल्स पर बच्चों की सस्ती और अच्छी पुस्तकें भारी तादाद में उपलब्ध हैं। इन पुस्तकों में आप का भविष्य आपके हाथ में, गुरुनानक अर्जुन, शिव और पार्वती, हनुमान, चाणक्य, सुभाष चन्द्र बोस, अशोक, महात्मा गांधी, राम, कृष्ण, झांसी की रानी, जातक कहानियां (3 खण्ड), जादू नगरी, रोबिन हुड, गुलिवर की यात्राएं सहित अन्य उपलब्ध हैं। ये पुस्तकें बच्चों को भारतीय परंपरा, इतिहास, चरित्र नायकों, पौराणिक कथाओं और रोमांचक यात्राओं से समृद्ध करने में समर्थ हैं।
वहीं समय प्रकाशन समूह और यश प्रकाशन के स्टॉल पर कबीर के दोहे, गबन, गोदान, अपनी शक्ति पहचानें, बड़ी दीदी, निर्मला, वरदान, तितली, पंचतंत्र, हितोपदेश, बुलन्दियों की ओर, ऐसे रहें हमेशा खुश, चुनाव जीतने के अचूक नुस्खे, मन की 100 बातें, यू कैन डू इट जैसी चर्चित पुस्तकें हैं । यह पुस्तकें खूब बिक रही हैं और पुस्तक–प्रेमी उन्हें बड़े उत्साह से खरीद रहे हैं ।
झारखंड पर केन्द्रित पुस्तकें मेले में प्रकाशन संस्थान के स्टॉल पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश की झारखंड : संपन्न धरती, उदास बसंत, डॉ डारामदयाल मुण्डा की आदिवासी अस्तित्व और झारखंडी अस्मिता के सवाल, शैलेन्द्र महतो की झारखंड की समरगाथा, महादेव टोप्पो की झारखंड में विद्रोह का इतिहास : आदिवासी विश्व चेतना जैसी महत्वपूर्ण पुस्तकें हैं जो राज्य के इतिहास और दशा–दिशा को समझने की दृष्टि देती हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak

