भूरिया कमेटी की पेसा से छेड़छाड़ नहीं करेंगे बर्दाश्त : निशा

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भूरिया कमेटी की पेसा से छेड़छाड़ नहीं करेंगे बर्दाश्त : निशा


रांची, 25 दिसंबर (हि.स.)। कैबिनेट की ओर से पेसा कानून पारित किए जाने पर केंद्रीय सरना समिति महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष निशा भगत ने इसे स्वागतयोग्य कदम बताया, लेकिन साथ ही उन्‍होंने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि भूरिया कमेटी की सिफारिशों के आधार पर बने पेसा कानून 1996 से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। निशा भगत गुरुवार को केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित कर रही थीं।

निशा भगत ने कहा कि पेसा कानून आदिवासी समाज के आत्मसम्मान, स्वशासन और ग्राम सभा के अधिकारों का मूल आधार है। यह कानून तभी सार्थक होगा, जब इसे उसकी मूल भावना के अनुरूप धरातल पर लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब पेसा कानून गांव-गांव तक पहुंचेगा, तब केंद्रीय सरना समिति यह सुनिश्चित करेगी कि ग्राम सभाओं को वास्तविक अधिकार और ताकत मिले, ताकि माफिया और बाहरी तत्वों की ओर से आदिवासियों के शोषण पर रोक लग सके।

उन्होंने बताया कि पेसा कानून को लागू कराने के लिए समिति ने गुमला से रांची राजभवन तक पदयात्रा कर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा था। आज यह कानून पास होना आदिवासियों के लंबे संघर्ष का परिणाम है।

वहीं केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि आदिवासी समाज सदियों से अपनी परंपरा, संस्कृति और स्वशासन की रक्षा के लिए संघर्ष करता रहा है। पेसा कानून आदिवासियों के गौरव और अधिकारों की रक्षा करने वाला कानून है, जिसे कमजोर करने की किसी भी कोशिश का पुरजोर विरोध किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar

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