शहीद निर्मल महतो के सपने अब भी हैं अधूरे : देवेंद्रनाथ
रांची, 25 दिसंबर (हि.स.)। झारखंड आंदोलन के वीर शहीद निर्मल महतो की 75वीं जयंती के अवसर पर गुरुवार को झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम), सिल्ली विधानसभा की ओर से सोनाहातु जाड़ेया स्थित शहीद निर्मल महतो की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई।
इस अवसर पर पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ महतो ने कहा कि शहीद निर्मल महतो ने छात्र जीवन से ही आंदोलन की राह पकड़ ली थी। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बावजूद शहीद निर्मल महतो के सपने अब भी अधूरे है। उन्हाेंने आराेप लगाया कि निर्मल महताे के सपनाें काे पूरा करने पर किसी राजनीतिक दल ने ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि झारखंड की माटी के लिए जिसने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उन्होंने झारखंड के शोषित-वंचित वर्ग, गरीब और मजदूरों के अधिकार के लिए शोषकों के खिलाफ निरंतर संघर्ष किया। युवा अवस्था से ही उन्होंने समाज की पीड़ा को समझा और झारखंड अलग राज्य की मांग को लेकर युवाओं को संगठित किया। प्रशासनिक दमन के बावजूद रैलियों, धरना-प्रदर्शन के माध्यम से उन्होंने झारखंड की आवाज को राष्ट्रीय पटल तक पहुंचाया।
देवेंद्रनाथ ने कहा कि 25 दिसंबर 1950 को जमशेदपुर के कदमा-उलियान में जन्मे निर्मल महतो की आठ अगस्त 1987 को राजनीतिक षड्यंत्र में हत्या कर दी गई, लेकिन उनका संघर्ष कभी समाप्त नहीं हुआ। उनका नारा मेरा खून बेकार न जाए आज भी झारखंडियों को प्रेरित करता है, जिसकी बदौलत 15 नवंबर 2000 को झारखंड राज्य का गठन संभव हुआ। उन्होंने कहा कि उनके सपनों को साकार करना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
कार्यक्रम में रंजीत महतो, मोहन महतो, गदाधर महतो, प्रहलाद महतो सहित अन्य मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar

