खेलकूद जीवन के मूल्यों का सशक्त माध्यम: राज्यपाल
धनबाद, 20 दिसंबर (हि.स.)। झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि खेलकूद केवल पदक और पुरस्कार प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि जीवन के मूल्यों को सुदृढ़ करने का सशक्त साधन है। वे शनिवार को धनबाद जिले के टुंडी स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित प्रांतीय खेलकूद प्रतियोगिता के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि खेल भावना बच्चों में अनुशासन, सहयोग, नेतृत्व, समय-प्रबंधन और लक्ष्य के प्रति समर्पण जैसे गुणों का विकास करती है। हार को सहजता से स्वीकार करना और जीत को विनम्रता के साथ आत्मसात करना खेलों की सबसे बड़ी सीख है। उन्होंने कहा कि बाल्यावस्था में खेलों के प्रति रुचि विकसित करना स्वस्थ, सशक्त और आत्मविश्वासी समाज की मजबूत नींव रखता है।
राज्यपाल ने प्रदेश के विभिन्न अंचलों से आए प्रतिभागी बच्चों की सराहना करते हुए कहा कि खेल भावना, अनुशासन और आत्मविश्वास के साथ प्रतिस्पर्धा करते बच्चों को देखना अत्यंत सुखद अनुभव है। इस प्रकार के आयोजन बच्चों के शारीरिक, मानसिक और नैतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान, नई दिल्ली से संबद्ध विद्या विकास समिति, झारखंड द्वारा शिक्षा के साथ संस्कार, संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना के संवर्धन के लिए किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि शहरी, ग्रामीण, जनजातीय और उपेक्षित क्षेत्रों में विद्यालयों एवं संस्कार केंद्रों के माध्यम से बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए किया जा रहा कार्य अत्यंत सराहनीय है।
राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त की कि इन संस्थानों में बड़ी संख्या में अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के बच्चे अध्ययनरत हैं और अपनी प्रतिभा के बल पर निरंतर प्रगति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वनवासी और दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा का प्रसार चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन जब कोई संगठन नि:स्वार्थ भाव से शिक्षा का दीप जलाता है, तो वह राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करता है।
राज्यपाल ने बताया कि 18 दिसंबर से शुरू हुई इस प्रांतीय खेलकूद प्रतियोगिता में लगभग 500 प्रतिभागियों की सहभागिता यह दर्शाती है कि झारखंड में बच्चों के बीच खेलों के प्रति उत्साह और आगे बढ़ने का संकल्प मजबूत हो रहा है। ऐसे आयोजन प्रतिभाओं की पहचान कर उन्हें आगे बढ़ने का सशक्त मंच प्रदान करते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि झारखण्ड की धरती सदैव से खेल प्रतिभाओं से समृद्ध रही है। इस राज्य ने क्रिकेट जगत को महेन्द्र सिंह धौनी जैसे विश्वविख्यात खिलाड़ी दिए, जिनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने वर्ष 2011 में विश्व कप हासिल करने का गौरव प्राप्त किया। झारखण्ड को खेल जगत में ‘लैंड ऑफ आर्चरी’ के रूप में भी जाना जाता है। दीपिका कुमारी जैसी विश्वस्तरीय तीरंदाज तथा अंतरराष्ट्रीय तीरंदाजी कोच पूर्णिमा महतो ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का नाम रोशन किया है। हॉकी के क्षेत्र में सलिमा टेटे और निक्की प्रधान जैसी खिलाड़ियों ने भी वैश्विक स्तर पर अपनी सशक्त पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि यह राज्य के लिए गर्व का विषय है कि भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान झारखण्ड की बेटी सलिमा टेटे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि झारखण्ड की मिट्टी में संघर्ष, परिश्रम और समर्पण की भावना स्वाभाविक रूप से समाहित है। आवश्यकता है कि विद्यालय स्तर से ही बच्चों में खेलों के प्रति अभिरुचि को प्रोत्साहित किया जाए तथा उन्हें उचित प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और अवसर उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस मंच से निकले अनेक भैया-बहन भविष्य में राज्य और देश का नाम राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित करेंगे।---------
हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे

