थाना से महज एक किमी की दूरी पर फायरिंग कर अपराधियों ने दी पुलिस को चुनौती

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गोड्डा, 29 दिसंबर (हि.स.)। ईसीएल की राजमहल परियोजना अंतर्गत लालघुटवा–लोहंडिया डंपिंग एरिया में शनिवार को दिनदहाड़े हुई फायरिंग और आगजनी की कोशिश ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हैरानी की बात यह है कि जहां यह वारदात हुई, वहां से ललमटिया थाना की दूरी महज एक किलोमीटर से भी कम है, बावजूद इसके हथियारबंद अपराधी बेखौफ होकर वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए।

यह घटना केवल एक आपराधिक वारदात नहीं, बल्कि पुलिस प्रशासन को दी गई खुली चुनौती के रूप में देखी जा रही है। अब तक इस क्षेत्र में अपराधी रात के अंधेरे का सहारा लेकर वारदात करते थे, लेकिन इस बार दिन के उजाले में गोलीबारी कर यह स्पष्ट संकेत दे दिया गया है कि अपराधियों में अब कानून का भय नहीं रह गया है।

एनकाउंटर के बाद भी नहीं टूटा अपराध का नेटवर्क

क्षेत्र का कुख्यात अपराधी मान सूर्यनारायण हांसदा के एनकाउंटर के बाद पुलिस ने दावा किया था कि राजमहल परियोजना क्षेत्र में सक्रिय आपराधिक गिरोहों की कमर तोड़ दी गई है। लेकिन हालिया घटनाएं इस दावे को पूरी तरह खोखला साबित करती नजर आ रही हैं। जानकारों का मानना है कि सूर्या के एनकाउंटर के बाद भले ही एक चेहरा खत्म हुआ हो, लेकिन अपराध का दूसरा नेटवर्क अब भी सक्रिय है और नए सिरे से दुस्साहसिक घटनाओं को अंजाम दे रहा है।

घटना के तरीके से यह भी स्पष्ट होता है कि अपराधियों ने सुरक्षा व्यवस्था, पुलिस गश्त और प्रतिक्रिया समय का आकलन कर ही वारदात को अंजाम दिया। दिनदहाड़े फायरिंग यह दर्शाती है कि अपराधी पुलिस की क्षमता को परखने और भय का दायरा और बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।

कामगारों में भय, परिजनों में दहशत

लगातार हो रही इन घटनाओं का सबसे गहरा असर खनन क्षेत्र में काम कर रहे कामगारों पर पड़ रहा है। कामगारों का कहना है कि जब दिन के उजाले में उन पर गोलीबारी हो रही है, तो रात के समय काम करना और भी ज्यादा जोखिम भरा हो गया है। कई कामगारों ने यह भी कहा कि उनके परिवार के सदस्य उन्हें रात की ड्यूटी पर जाने से रोक रहे हैं। खनन क्षेत्र से जुड़े परिजनों में भी भय का माहौल है। गोलीबारी और आगजनी की घटनाओं की चर्चा पूरे इलाके में है, जिससे आम लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि जल्द सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।

सवालों के घेरे में पुलिस की कार्यशैैैली

थाने से बेहद नजदीक हुई इस घटना ने पुलिस की गश्त, इंटेलिजेंस और त्वरित कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। यह घटना बताती है कि अपराधियों का मनोबल अभी भी ऊंचा है और वे पुलिस को सीधे तौर पर चुनौती देने से नहीं हिचक रहे हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / रंजीत कुमार

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