पुलिस की निगरानी के बाद भी लाखों का कफ सिरप गायब

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पुलिस की निगरानी के बाद भी लाखों का कफ सिरप गायब


दुमका, 21 दिसंबर (हि.स.)। जिस बात की शंका पहले से ही व्यक्त की जा रही थी, वह रविवार को आखिरकार सच ही साबित हो गई। बीते 16 दिसंबर को प्रतिबंधित कफ सिरप कोरेक्स की सूचना के बाद पुलिस ने जिस कमरे में ताला लगाया था, उस कमरे का रविवार को सीओ, औषधि निरीक्षक और पुलिस की मौजूदगी में ताला तोड़ा गया। सारे अधिकारी खाली कमरा देखकर अवाक रह गए। कमरे में सिरप की एक भी शीशी नहीं मिली। इतना ही नहीं कमरे के अंदर की दीवार काटकर चोरी दिखाने का प्रयास भी किया गया है। पूरे प्रकरण में मुफस्सिल थाना की पुलिस और एक एसआई की कार्यशैली सवालों के घेरे में है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल 16 दिसंबर को सिविल सर्जन को पता चला कि कुसुमडीह में एक सिपाही के घर के एक कमरे में बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित कफ सिरप रखा हुआ है। उनके निर्देश पर औषधि निरीक्षक राजेश कुमार सिंह जांच करने पहुंचे। घर के पास जाकर मुफस्सिल थाना प्रभारी को सूचित किया। थानेदार सत्यम कुमार ने एसआई निरंजन कुमार को सारी स्थिति से अवगत कराया, लेकिन वे नहीं आए। शाम को निरीक्षक ने उसने संपर्क किया तो काल रिसीव नहीं की। पुलिस कमरे में अपना ताला लगाकर लौट आई। निरीक्षक दूसरे जिले के प्रभार में है। इस कारण वे दूसरे दिन चले गए। रविवार को उन्होंने आकर जांच की तो कमरा खाली मिला।

सिपाही ने जुलाई में दिया था कमरे भाड़े पर जिस घर के कमरे में सिरप होने की बात सामने आई थी, वह घर गिरिडीह में तैनात सिपाही बाबू लाल किस्कू का है। बाबूलाल की पत्नी रेनु टुडृ ने बताया कि जुलाई माह में शहर के राखाबनी का रहने वाला रजाउल अंसारी को काफी कहने के बाद घर का बाहरी कमरा किराए पर दिया था। रजाउल ने यह कहते हुए कमरा लिया था कि वह कपड़े की फेरी लगाता है। इसके बाद वह हर माह किराया देता था। कपड़े की आड़ में वह क्या करता था, नहीं पता है।

एसआइ की भूमिका सवालों के घेरे में

कफ सिरप के गायब होने के पीछे मुफस्सिल थाना में तैनात एसआई निरंजन कुमार की भूमिका सवालों के घेरे में है। निरंजन ने ही 16 दिसंबर की देर शाम रेनु टुडू को फोन कर बताया था कि उनकी दुकान का ताला चोरी हो गया है, इसलिए अपना लगा दिया है। रविवार को पुलिस ने जब उसी ताले की चाबी से कमरा खोलने का प्रयास किया तो चाबी नहीं लगी। रजाउल ने पुलिस का लगा ताला ही बदल दिया और उसकी जगह नया ताला लगा दिया। सवाल यह है कि निरीक्षक ने जब अपना ताला लगाया था तो फिर उसकी चाबी रजाउल के पास कैसे पहुंच गई। अगर नहीं पहुंची तो उसी चाबी से ताला क्यों नहीं खुला।

पुलिस ने दी थी चुप रहने की धमकी

मकान मालिक रेनु टुडू ने बताया कि एसआई ने कई बार उनसे फोन पर बात की थी। यह भी बताया था कि कमरे के बाहर शटर में लगा ताला चोरी हो गया है, इसलिए अपना लगा दिया है। यह बात महिला ने मौके पर मौजूद निरीक्षक के सामने भी कही। उसने कहा कि 17 दिसंबर को थाना की जीप से कुछ पदाधिकारी आए थे, उन्होंने धमकी दी थी कि सिरप के बारे में किसी को कुछ नहीं बताना है। अगर बताया तो उसका मोबाइल जब्त कर लिया जाएगा। तुम भी चक्कर में फंस जाओगी।

सीसीटीवी को कर दिया अनदेखा

सिरप गायब कराने में पुलिस की भूमिका को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। पुलिस अब पूरे मामले में

लीपापोती करने का प्रयास कर रही है। अगर पुलिस सच में इतने बड़े मामले में गंभीर होती तो ताला तोड़ने के दौरान थाना प्रभारी ने सीसीटीवी को जरूर खंगालते। कमरे के सामने सड़क के दूसरी ओर एक सेवानिवृत्त शिक्षक के घर में सीसीटीवी लगा हुआ था। उसका मुंह कमरे की तरफ था। पुलिस चाहती तो तुरंत सीसीटीवी देखकर पूरे मामले की तह में जा सकती थी, लेकिन पुलिस ने सीसीटीवी खंगालने का प्रयास तक नहीं।

पांच साल पहले रजाउल गया था जेल

नगर थाना की पुलिस ने पांच साल पहले जिला स्कूल के पास एक दुकान में छापेमारी कर प्रतिबंधित सिरप बरामद किया था। इसमें रजाउल की गिरफ्तारी भी हुई थी। जेल से बाहर आने के बाद उसने से प्रतिबंधित सिरप का धंधा शुरू कर दिया। रजाउल आज आलीशान कार में घूमता है।

वहीं इस संबंध में सदर अंचल के सीओ अमर कुमार ने बताया कि पांच दिन के बाद कमरे का ताला तोड़ने के बाद भी कुछ नहीं मिला। कमरे में जरूर कुछ आपत्तिजनक था, इसलिए कमरे की दीवार काटने का प्रयास किया गया है। अब पुलिस की जांच में ही सारा सच सामने आ सकता है।

इधर, मुफस्सिल थाना पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी सत्यम कुमार ने बताया कि कमरे में कुछ नहीं मिला है। मकान मालिक का कहना है कि थाना के एक पदाधिकारी ने अपना ताला लगाया था। उसने महिला से बात भी की थी। मोबाइल का सीडीआर खंगालकर काल किए नंबर की जांच की जाएगी। कमरे की दीवार काटने का प्रयास हुआ है।

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हिन्दुस्थान समाचार / नीरज कुमार

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