पुस्तक मेले में झारखंड की जनजातियों पर केंद्रित पुस्तकों की खूब हो रही खरीदारी

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पुस्तक मेले में झारखंड की जनजातियों पर केंद्रित पुस्तकों की खूब हो रही खरीदारी


रांची 29 दिसंबर (हि.स.)। राजधानी रांची के जिला स्कूल मैदान में समय इंडिया, नई दिल्ली तत्वावधान में जारी 10 दिवसीय राष्ट्रीय पुस्तक मेला के चौथे दिन सोमवार को मेला परिसर में पुस्तक प्रेमियों की भारी भीड़ रही। मेले में स्कूली छात्र–छात्राओं की विशेष उपस्थिति देखने को मिली।

मेले में पहली बार झारखंड की 25 जनजातियों, 8 आदिम जनजातियों, जनजातियों पर 5 खंडों में समग्र, दो खंडों में आदिम जनजातियों पर और 4 खंडों में क्रांतिकारियों पर केन्द्रित पुस्तकों की खूब बिक्री हो रही है। ये सभी महत्वपूर्ण पुस्तकें समय प्रकाशन समूह के स्टॉल पर उपलब्ध हैं। यदि आप झारखंड की बैगा, कंवर, करमाली, गोड़ाइत, खड़िया, खरवार, खोंड़, बंजारा, बथुड़ी, बेदिया, बिंझिया, किसान, हो, भूमिज, पुरान, संथाल, उरांव, चीकबड़ाईक जैसी आदिम जनजातियों के इतिहास और परंपराओं से रूबरू होना चाहते हैं तो ये सभी पुस्तकें मेले में आपकी प्रतीक्षा कर रही हैं। इतनी जनजातियों पर आधारित पुस्तकें पहली बार मेले में उपलब्ध हैं।

चार जनवरी तक रहेगा मेला

यह पुस्तक मेला चार जनवरी तक रहेगा। मेले में पुस्तक प्रेमियों के लिए प्रवेश का समय सुबह 11 बजे से शाम 7.30 बजे तक है। मेले में मंगलवार को बच्चों की नृत्य प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। इस प्रतियोगिता में विभिन्न आयुवर्ग के बच्चे भाग लेकर अपनी नृत्य प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकेंगे। प्रतियोगिता में बच्चों को जिस गीत के बोल पर नृत्य करना है उसका ऑडियो सीडी अपने साथ लाना होगा। प्रतियोगिता बच्चों के लिए निशुल्क है।

इसके अलावा पुस्तक मेले में काव्य रसिक श्रोताओं के लिए झारखंड हिन्दी साहित्य मंच की ओर से शाम 4.50 बजे से कवयित्री सम्मेलन का आयोजन किया गया है।

इस काव्य संध्या में गीता सिन्हा गीतांजलि, अनीता रश्मि, रिम्मी वर्मा, रेणुबाला धार, रेणु झा रेणुका, पूनम वर्मा, कविता विकास सहित अन्य कवयित्री अपनी रचनाओं की प्रस्तुती देंगी।

वहीं पुस्तक मेले में पुस्तक लोकार्पण की कड़ी में सोमवार को डॉ फसीहुद्दीन और डॉ सीद्धेश्वर काश्यप की उर्दू पुस्तक मुश्तरका विरासत का लोकार्पण किया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak

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