हेमंत सरकार ने छात्रवृत्ति के लिए आवंटित 12,000 करोड़ रुपये में से 40 प्रतिशत का किया गबन : भाजयुमो

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हेमंत सरकार ने छात्रवृत्ति के लिए आवंटित 12,000 करोड़ रुपये में से 40 प्रतिशत का किया गबन : भाजयुमो


हेमंत सरकार ने छात्रवृत्ति के लिए आवंटित 12,000 करोड़ रुपये में से 40 प्रतिशत का किया गबन : भाजयुमो


रांची, 16 दिसंबर (हि.स.)। झारखंड में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रों को समय पर छात्रवृत्ति नहीं मिलने के विरोध में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) रांची महानगर की ओर से मंगलवार को राज्य सरकार की शवयात्रा निकाली गई।

शवयात्रा का नेतृत्व भाजयुमो महानगर अध्यक्ष रोमित नारायण सिंह ने किया। इस दौरान जिला स्कूल से अल्बर्ट एक्का चौक तक मोर्चा के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने “छात्रों को छात्रवृत्ति समय पर दो” और “राम नाम सत्य है” जैसे नारे लगाए। भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने सरकार पर आरक्षण कोटे में भ्रष्टाचार और पक्षपात का आरोप लगाते हुए इसे “ठगबंधन” की साजिश करार दिया।

महानगर अध्यक्ष रोमित नारायण सिंह ने कहा कि रांची जिले में छात्रवृत्ति नहीं मिलने से करीब 1.2 लाख एससी-एसटी छात्र प्रभावित हुए हैं। सरकार की लापरवाही के कारण छात्रों की फीस, हॉस्टल और किताबों का खर्च रुक गया है। उन्होंने दावा किया कि सीएजी की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में छात्रवृत्ति घोटाले से राज्य को लगभग 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो वर्षों में केंद्र सरकार से 12,000 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति राशि प्राप्त हुई, लेकिन राज्य स्तर पर वितरण में 4,800 करोड़ रुपये (40 प्रतिशत) की अनियमितता हुई है। रांची जिले में ही 50 हजार से अधिक छात्र बिना छात्रवृत्ति के भटक रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार बनने पर डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से 15 दिनों के भीतर सभी पात्र छात्रों को छात्रवृत्ति सुनिश्चित की जाएगी।

मोर्चा के शशांक राज ने आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन की सरकार ने एससी-एसटी-ओबीसी छात्रों को छात्रवृत्ति के नाम पर ठगा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग से प्राप्त आरटीआई आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024-25 में रांची मंडल में 1.5 लाख छात्रों के पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति आवेदन लंबित हैं, जिनमें 60 प्रतिशत एससी और 25 प्रतिशत ओबीसी छात्र शामिल हैं।

उन्होंने दावा किया कि केंद्र से मिले 8,000 करोड़ रुपये में से 35 प्रतिशत राशि का कोई हिसाब नहीं है, जिसका खुलासा सीएजी की 2025 की प्रारंभिक रिपोर्ट में हुआ है। छात्र हॉस्टल फीस, परीक्षा शुल्क और किताबों के लिए कर्ज लेने को मजबूर हैं, जिससे ड्रॉपआउट रेट में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने चेतावनी दी कि 48 घंटे के भीतर लंबित राशि जारी नहीं की गई तो रांची से राज्यव्यापी छात्र संकल्प मार्च निकाला जाएगा।

मोर्चा के वरुण साहू ने कहा कि झारखंड में ओबीसी छात्रों की स्थिति सबसे दयनीय है। उन्होंने बताया कि झारखंड उच्च न्यायालय ने भी छात्रवृत्ति भुगतान में देरी को लेकर सरकार को फटकार लगाई है। आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 में 2.5 लाख ओबीसी छात्रों के आवेदन लंबित रहे, जिनमें से केवल 30 प्रतिशत को ही राशि मिल सकी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आरक्षण कोटे को खोखला कर रही है।

यात्रा में केके गुप्ता, रमेश सिंह, बलराम सिंह, जितेंद्र सिंह पटेल, प्रिंस कुमार, कुंदन सिंह, रंजीत शहदेव, सचिन साहू, धर्मवीर सिंह, धर्मेंद्र शुक्ला, तरुण दास, उज्ज्वल मिश्रा, अशोक मिश्रा, ओम प्रकाश पाण्डेय, नीरज सिंह, अमित दुबे, तुषार आरव, अमित साहू, रणधीर सिंह, राम लगन राम, सिद्धांत कुमार, रूपक मिश्रा सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।------------

हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे

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