श्रद्धा भाव से मना श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का 359 वां प्रकाश पर्व, सजा विशेष दीवान
रांची, 27 दिसंबर (हि.स.)। गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सत्संग सभा में सरबंसदानी, साहिबे-कमाल, दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का 359 वां प्रकाश पर्व शनिवार को श्रद्धा भाव से मनाया गया।
इस मौके पर सत्संग सभा की ओर से विशेष दीवान सजाया गया। दीवान की शुरुआत रात में स्त्री सत्संग सभा की बबली दुआ और इंदु पपनेजा की ओर से नासरो मंसूर गुरु गोबिंद सिंह एज दी मनजूर गुरु गोबिंद सिंह...शबद गायन से हुई।
इसके बाद हजुरी रागी जत्था भाई महिपाल सिंह ने हम बैठे तुम देहो असीसा तुम राजा राजन के ईसा... शबद गायन किया।
वहीं विशेष रूप से शिरकत करने पहुंचे भाई जलविंदर सिंह जी (हजूरी रागी श्री दरबार साहिब अमृतसर वाले) ने वाह परगटयो पूरख भगवंत रूप, गुरु गोबिंद सुरा....और तुम हो सब राजन के राजा आपे आप ग़रीब नवाज़ा....एवं तहीं परकाश हमारा भयो पटना शहर विखे भव लयो....शबद गायन कर साध संगत को गुरबाणी से जोड़ा।
गुरमति विचार सांझा करते हुए गुरुद्वारा के हेड ग्रंथी ज्ञानी जिवेंदर सिंह ने कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की शहादत और कुर्बानी को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। देश और कौम के लिए सरबंस दान करने वाले गुरु जी को शत-शत नमन है।
उन्होंने गुरु साहिबान और उनके परिवार की ओर दिए गए बलिदानों पर प्रकाश डालते हुए गुरुओं के दिखाए मार्ग पर चलने के लिए साध संगत को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि गुरु साहिबानों ने जात-पात का भेदभाव खत्म करके सभी को एक नजर से देखने का संदेश दिया है।
कार्यक्रम के दौरान देर रात तक गुरु घर के सेवक महेश सुखीजा की ओर से श्री अखण्ड पाठ साहिब जी की समाप्ति हुई। इसके बाद आरती साहिब जी का पाठ और बधाई का शबद पढ़ा गया।
श्री अनंद साहिब जी के पाठ, ज्ञानी जिवेन्द्र सिंह की ओर से अरदास और हुक्मनामा के बाद कढ़ाह प्रसाद वितरण के साथ दीवान की समाप्ति हुई।
इस मौके पर गुरु नानक सत्संग सभा की ओर से श्रद्धालुओं के बीच गुरु का अटूट लंगर चलाया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak

