शब्दों में विष घोलना अच्छे समाज के लिये घातक: उपायुक्त

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शब्दों में विष घोलना अच्छे समाज के लिये घातक: उपायुक्त


शब्दों में विष घोलना अच्छे समाज के लिये घातक: उपायुक्त


पलामू, 18 जून (हि.स.)। इंटरनेशनल डे फ़ॉर कॉउंटरिंग हेट स्पीच के अवसर पर मंगलवार को पलामू सूचना भवन के सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिले के उपायुक्त शशि रंजन, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ असीम कुमार व जिले के कई वरिष्ठ पत्रकारों ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यशाला का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर बोलते हुए उपायुक्त ने इतने अच्छे व गंभीर विषय पर कार्यशाला का आयोजन करने को लेकर जिला जनसंपर्क पदाधिकारी को साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह विषय इतना महत्वपूर्ण है कि इस विषय के बारे में बच्चों को अवगत कराना बेहद आवश्यक है। अगर हम बच्चों को छोटे उम्र से ही हेट स्पीच के बारे में बतायेंगे तो बड़े होकर वे इस विषय से दूर रहेंगें।

उन्होंने कहा कि घृणास्पद भाषण लोकतंत्र के सिद्धांत को खतरे में डालते हैं, जो लोकतांत्रिक देश में सामाजिक व्यवस्था को कमज़ोर करता है। उन्होंने कहा कि घृणा और पूर्वाग्रह कभी-कभी व्यक्तियों या समूहों के धर्म, जाति, रंग और जातीय मूल या विकलांगता और बुढ़ापे के आधार पर उत्पन्न हो सकते हैं और दैनिक जीवन में हिंसा के विभिन्न रूपों में बदल सकते हैं जो कहीं से उचित नहीं है।

उन्होंने कहा कि हेट स्पीच विभिन्न माध्यमों से फैलता है या यूं कहे फैलाया जाता है और इसके रोकना हम सबकी सामूहिक जिम्मेवारी है। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान के मुताबिक भी हम किसी के प्रति हेट स्पीच नहीं दे सकते हैं जिसका अनुश्रवण हम सबको करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शब्दों में विष घोलना अच्छे समाज के लिये घातक है। उन्होंने सभी पत्रकारों से कहा कि आप सभी लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं ऐसे में हेट स्पीच को खत्म करने में आप सब की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने सभी से अपने-अपने स्तर से हेट स्पीच का प्रतिकार करने पर बल दिया।

इसके पूर्व सभागार में आये विभिन्न संस्थानों के पत्रकारों को जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ असीम कुमार ने आज के विषय पर प्रकाश डालते हुए इंटरनेशनल डे फ़ॉर कॉउंटरिंग हेट स्पीच का इतिहास, कहाँ से यह विषय की उत्पत्ति हुई, आज के दौर में इसकी क्या महत्ता है व भविष्य में यह कितना महत्वपूर्ण विषय है इन सभी बिंदुओं पर विशेष रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज इंटरनेशनल डे फ़ॉर कॉउंटरिंग हेट स्पीच की तीसरी वर्षगांठ है। जुलाई 2021 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने ‘नफरत फैलाने वाले भाषणों का मुकाबला करने में अंतर-धार्मिक और अंतर-सांस्कृतिक संवाद और सहिष्णुता को बढ़ावा देने’ का प्रस्ताव पारित किया था।

कार्यशाला में मेदिनीनगर के वरिष्ठ पत्रकार मोहम्मद फैयाज अहमद ने कहा कि हेट का उल्टा शब्द लव होता है। उन्होंने हेट स्पीच नहीं बल्कि लव स्पीच के प्रसार करने की बात कही। साथ ही हेट स्पीच को फारवर्ड न करने पर बल दिया। इसी तरह प्रेम प्रकाश ने कहा कि भारतीय संविधान में भी आपस में भाईचारगी निभाने की बात कही गयी है ऐसे में ढाईअक्षर का प्रेम से हेट स्पीच को काउंटर किया जा सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप

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