नोटरी नियुक्ति में ओबीसी आरक्षण पर अध्यक्ष से मिले अधिवक्ता द्वारिका
हक नहीं मिला तो करेंगे हाई कोर्ट में रीट फाईल:द्वारिका प्रसाद
रामगढ़, 7 अगस्त (हि.स.)। राज्य आयोग के अध्यक्ष योगेन्द्र प्रसाद महतो से आरक्षण की मांग को लेकर बुधवार को अधिवक्ता द्वारिका प्रसाद महतो मिले। उन्होंने बताया कि विधि विभाग झारखण्ड सरकार द्वारा राज्य के सभी व्यवहार न्यायालयों में लेख प्रमाणकों, नोटरी की नियुक्ति में ओबीसी वर्गों को आरक्षण नहीं दिया गया है। इसे लेकर सिविल कोर्ट रामगढ़ के अधिवक्ता द्वारिका प्रसाद ने राज्य आयोग के अध्यक्ष योगेन्द्र प्रसाद महतो को लिखित शिकायत सौंपा हैं।
उन्होंने बताया है कि विधि विभाग झारखंड सरकार ने विज्ञप्ति संख्या 01/2024 के माध्यम से राज्य के सभी व्यवहार न्यायालयों में नोटरी के स्वीकृत पदो के विरुद्ध रिक्त पदों पर विहित प्रपत्र के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किए थे। विज्ञापन के कंडीका 3 में नोटरी के अर्हता से संबंधित प्रावधान दिए गए है। उक्त प्रावधान में ओबीसी श्रेणी को आरक्षण नहीं दिया गया है एवं विज्ञप्ति के कंडीका 8 में लिखा है कि नोटरी अधिनियम, नोटरी नियमावली के अंतर्गत प्रावधान भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देश यथावत लागू रहेंगे।
सात वर्ष होने पर नोटरी का आवेदन दे सकते है
उन्होंने बताया कि नोटरी नियमावली 1956 की नियम (3) (एए) में कहा गया है कि एसटी, एससी, ओबीसी का अनुभव अगर 7 वर्ष हो चुका है तो नोटरी का आवेदन दे सकते है। विधि विभाग झारखंड सरकार की विज्ञप्ति संख्या 01/24 की कंडीका 3, 8 व नोटरी नियमावली 1956 की नियम (3) (एए) को देखने से काफी भिन्नता नजर आ रही है। जो विधि विरुद्ध है। उक्त विज्ञापन में ओबीसी श्रेणी के अभ्यर्थी आवेदन करने से वंचित हो गए हैं, जिससे ओबीसी अभियार्थीयों में काफी रोष है। अधिवक्ता द्वारिका प्रसाद ने राज्य ओबीसी आयोग से मांग कि है की विधि विभाग के विज्ञापन में ओबीसी को आरक्षण दें या इस विज्ञापन को रद्द कर पुनः विज्ञापन प्रकाशित करें, अन्यथा झारखण्ड उच्च न्यायालय में रीट फाइल किया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश / शारदा वन्दना
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।