पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जमानत पर हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी, आदेश सुरक्षित

पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जमानत पर हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी, आदेश सुरक्षित
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पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जमानत पर हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी, आदेश सुरक्षित


रांची, 13 जून (हि.स.)। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति रंगन मुखोपाध्याय की कोर्ट में गुरुवार को बरियातू के बड़गाई में 8.86 एकड़ जमीन घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

ईडी के वकील एसवी राजू ने कोर्ट को बताया कि हेमंत सोरेन ने अनधिकृत रूप से बड़गाईं अंचल के 8.86 एकड़ जमीन पर कब्जा कर रखा है, जो पीएमएलए 2002 में निहित प्रावधानों के तहत मनी लाउंड्रिंग है। ईडी ने सोरेन की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि हेमंत सोरेन काफी प्रभावशाली शख्स हैं और स्टेट मिशनरी का यूज करते हुए उन्होंने खुद को बचाने के तमाम प्रयास किए थे। जमानत मिलने पर सोरेन की ओर से राज्य मशीनरी का दुरुपयोग करके जांच को बाधित करने का प्रयास कर सकते हैं। बड़गाईं स्थित जमीन पर बैंक्वेट हॉल बनाने की योजना थी। आर्किटेक विनोद सिंह ने नक्शा बना कर हेमंत सोरेन के मोबाइल पर भेजा था। साथ ही विनोद ने सर्वे के दौरान बड़गाईं स्थित जमीन की पहचान की थी। राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद ने भी हेमंत सोरेन की मदद की थी। भानु प्रताप प्रसाद ने अपने बयान में भी यह स्वीकार किया है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से मिले निर्देश पर उसने बड़गाईं स्थित जमीन का विस्तृत ब्योरा तैयार कर उपलब्ध कराया था। हिलेरियस कच्छप में भी हेमंत सोरेन को इस जमीन पर अवैध कब्जा करने में मदद किये थे। संबंधित जमीन पर हिलेरियस ने ही अपने नाम पर बिजली का कनेक्शन लिया था। साथ ही 8.86 एकड़ की इस जमीन की पत्थर से घेराबंदी भी करायी थी।

वहीं दूसरी ओर हेमंत सोरेन की ओर सुप्रीम कोर्ट की वरीय अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने कोर्ट में कहा कि इसमें मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं बनता है। राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है और यह जांच एजेंसी यानी प्रवर्तन निदेशालय का दुरुपयोग केंद्र सरकार के द्वारा किया गया दुर्भावनापूर्ण अभियोजन है। विनोद सिंह के व्हाट्सएप चैट में जिस 8.86 जमीन पर बैंक्वेट हॉल की बात कही जा रही है, वह उस जमीन का नहीं है। यह केवल ईडी का अनुमानभर है। उन्हाेंने कोर्ट को बताया कि हेमंत सोरेन का जन्म वर्ष 1975 में हुआ और इस भूमि की खरीद-बिक्री वर्ष 1970 के आसपास ही हो गई थी। ईडी का केस पूरी तरह बेबुनियाद है। इसलिए हमें बेल मिलनी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि हेमंत सोरेन बड़गाई अंचल जमीन घोटाले के आरोप में 31 जनवरी से जेल में बंद है। मामले में हेमंत सोरेन सहित 11 आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ विकास/सुनील

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