संविधान दिवस पर न्यायिक अधिकारियों ने खूंटी में निकाली पदयात्रा
खूंटी, 26 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार दिल्ली नई दिल्ली और झालसा रांची के निर्देश पर रविवार को संविधान दिवस और 100 दिवसीय बच्चों के हित संबंधित कार्यक्रम के तहत शनिवार को पदयात्रा निकली गई। पदयात्रा व्यवहार न्यायालय से शुरू होकर मुख्य मार्ग होते हुए उपकारा, बाजार टांड़, सदर अस्पताल, समाहरणालय होते हुए व्श्वहार न्यायालय तक वापस पहुंची, जहां स्कूली बच्चों के बीच उपहार का वितरण किया गया है।
पदयात्रा में सभी न्यायिक पदाधिकारी, अधिवक्ता, व्यवहार न्यायालय के कर्मचारी, पीएलवी, स्कूली बच्चे और पुलिस कर्मियों ने भाग लिया। पदयात्रा के दौरान बैनर-पोस्टर के साथ कानूनी जागरुकता के संदेश भी दिए गए। संविधान दिवस के अवसर पर सभी प्रतिभागियों को संविधान की प्रस्तावना की शपथ दिलाई गई।
न्यायिक अधिकारियों ने कहा कि हमें संविधान के आदर्शों का पालन करना चाहिए। संविधान ही हमारा सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ है और न्याय का स्रोत है। आज ही के दिन हम सब ने इस संविधान को अंगीकृत किया था सौ दिवसीय कार्यक्रम के तहत कस्तूरबा आवासीय विद्यालय कालामाटी में विशेष विधिक जागरुकता और सहायता अभियान चलाया गया।
डालसा सचिव मनोरंजन कुमार ने विद्यालय की छात्राओं को संबोधित करते हुए संविधान के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जिसमें न्याय प्राप्त करने का अधिकार हर नागरिक को है और वह शक्ति भारतीय संविधान द्वारा दी गई है। उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा संविधान में बसती है। इसलिए हमें संविधान के मूल्य एवं आदर्शों को अक्षुण्ण रखना होगा, तभी हम सब मिलकर महान राष्ट्र बना सकते हैं
हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल/चंद्र प्रकाश
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