फ्लोरोसिस जांच में 12 बच्चियों में बीमारी की पुष्टि


रामगढ़, 8 अप्रैल (हि.स.)। राष्ट्रीय फ्लोरोसिस नियंत्रण कार्यकम के तहत मंगलवार को छावनी बालिका मध्य विद्यालय रामगढ़ परिसर में जांच शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में कुल 98 छात्राओं की फ्लोरोसिस जांच की गई, जिसमें 12 लोगों में बीमारी की पुष्टि हुई है। सिविल सर्जन डॉ महालक्ष्मी प्रसाद एवं जिला नोडल पदाधिकारी राष्ट्रीय फ्लोरोसिस नियंत्रण कार्यक्रम डॉ० तुलिका रानी की मौजूदगी में सभी छात्राओं के स्वास्थ्य की जांच की गई। मौके पर सिविल सर्जन ने बताया गया कि फ्लोरोसिस एक लाईलाज बीमारी हैं। बचाव ही एक मात्र उपाय हैं। समय रहते इस बीमारी के बारे में पता लगने से बीमारी हड्डियों तक नही पहुंचती हैं। यह बीमारी बहुत ही कम उम्र से दांतो में भुरे धब्बे, पेट दर्द, कब्ज, जोडों में दर्द जैसी समस्या उत्पन्न करती है। इसलिए इसे रोकना बहुत आवश्यक हैं, अन्यथा यह शरीर में विकृति उत्पन्न कर देती हैं। उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल में निःशुल्क कोई भी अपने पीने के पानी एवं पेशाब में फ्लोरोसिस बीमारी की जांच करवा सकता हैं।
डॉ तुलिका रानी सह नोडल पदाधिकारी ने बताया कि फ्लोरोसिस बीमारी पीने के पानी में अधिक मात्रा में पाये जाने वाले फ्लोराइड तत्व के कारण होती हैं।
साथ ही सेंधा नमक, काला नमक, लाल चाय के सेवन से भी फ्लोरोसिस की बीमारी की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि सभी को अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, खट्टे फल जैसें संतरा, निबू, आंवला और दूध से बने पदार्थ खाने की सलाह दी। जिससे की शरीर में फ्लोराइड इक्ट्ठा नहीं होता है।
शिविर के दौरान कुल 98 बच्चे की जांच डॉक्टर पल्लवी कौशल जिला कंसलटेंट और सीएचओ जुही ज्योति ने की। कुल 22 बच्चों में जांच उपरान्त लक्षण पाए जाने पर उनके पेशाब का सैंपल लेकर लैब में जांच किया गया। टेक्नीशियन जीतेन्द्र कुमार ने जांच के बाद 12 बच्चों में इस बीमारी कि पुष्टि की गई। उन सभी छात्राओं का उचित इलाज किया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश