खूंटी लोकसभा सीट से पांच प्रत्याशियों ने किया नामांकन दाखिल
खूंटी, 24 अप्रैल (हि.स.)। अनुसूचित जनजातियों के लिए सुरक्षित 11 खूंटी संसदीय सीट की अधिसूचना जारी होने के सातवें दिन बुधवार को पांच प्रत्याशियों ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी लोकेश मिश्रा के समक्ष अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
जिन प्रत्याशियों ने बुधवार को नामांकन दाखिल किया, उनमें झारखंड पार्टी के अपर्णा हंस, अबुआ झारखंड पार्टी के सोमा मुंडा, लोकहित अधिकार पार्टी के काशीनाथ सांगा, निर्दलीय अहलाद केरकेट्टा तथा झामुमो के पूर्व विधायक निर्दलीय प्रत्याशी बसंत लोंगा शामिल हैं। इसके अलावा भाजपा प्रत्याशी अर्जुन मुंडा के प्रतिनिधि द्वारा बुधवार को भी दूसरी बार अन्य सेट में नामांकन प्रपत्र दाखिल किया गया। दूसरी ओर बुधवार को एक अभ्यर्थी बहुजन समाज पार्टी की सावित्री देवी ने नामांकन प्रपत्र खरीदा। इस प्रकार अब तक कुल 16 प्रत्याशियों द्वारा नामांकन प्रपत्र की खरीदारी की गई है। इनमें से दोनों राष्ट्रीय पार्टी भाजपा के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा कांग्रेस के कालीचरण मुंडा सहित कुल नौ प्रत्याशियों द्वारा नामांकन प्रपत्र दाखिल किया गया है। गुरुवार को नामांकन प्रपत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि है। इसलिए बाकी बचे अभ्यर्थियों द्वारा अंतिम दिन गुरुवार को नामांकन प्रपत्र दाखिल किया जाएगा।
नामांकन के पूर्व झारखंड पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष और पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री एनोस एक्का और महासचिव अशोक भगत के नेतृत्व में झारखंड पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लोयला मैदान सें नामांकन रैली निकाली गई, जिसमें खूंटी, तोरपा, कोलेबिरा, सिमडेगा, तमाड़ और खरसावां विधानसभा क्षेत्र कें हजारों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
नामांकन के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए एनोस एक्का ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने यहा के ईसाइयों को अपमानित किया है। ईसाई धर्मगुरुओं कों टिकट देने का आश्वासन देनें के बाद भी किसी ईसाई कों कांग्रेस ने उम्मीदवार नहीं बनाया। उन्होंने कहा कि कांगेस भारतीय जनता पार्टी की बी टीम बन गई है। यही कारण है कि तीन बार चुनाव हारने के बाद भी कालीचरण मुंडा को ही कांग्रेस ने चुनावी मैदान में उतारा। कालीचरण मुंडा कांग्रेस में और उनका छोटा भाई नीलकंठ सिंह मुंडा भाजपा में हैं और दोनों यहा की जनता का मूर्ख बना रहे हैं। एनोस एक्का ने कहा कि खूंटी संसदीय सीट से जब भी कांग्रेस ने ईसाई उम्म्ीदवार उतारा है, उनकी जीत हुई है, जबकि गैर भाजपाई दल से कोई गैर ईसाई को जीत नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि 1952, 1957 और 1962 में झारखंड पार्टी के मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा ने संसदीय चुनाव जीता था। 1967 में जयपाल सिंह कांग्रेस के टिकट पर संसद पहुंचे थे। 1984 में साइमन तिग्गा और 2004 में कांग्रेस की सुशीला केरकेट्टा ने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी। उसके बाद कांग्रेस ने एक बार नियेल तिर्की को उम्मीदवार बनाया था।
हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल
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