मुखिया के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार समाप्त, मनरेगा में फर्जीवाड़े का आरोप
गोड्डा, 20 दिसंबर (हि.स.)। राज्य सरकार के पंचायती राज विभाग ने जिले के मेहरमा प्रखंड अंतर्गत सिमानपुर पंचायत के मुखिया मुन्ना पासवान के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार समाप्त कर दिए हैं। मुखिया पर पद के दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही तथा सरकारी राशि की फर्जी निकासी का गंभीर आरोप लगाया गया है। हालांकि विभाग की ओर से जारी एक अन्य पत्र के माध्यम से उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर भी प्रदान किया गया है।
मुखिया के विरुद्ध की गई इस प्रशासनिक कार्रवाई से प्रखंड क्षेत्र में राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है। मामले को लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चा हो रही हैं।
पंचायती राज विभाग द्वारा जारी पत्र के अनुसार मुखिया पर मनरेगा योजना के तहत फर्जी जॉब कार्ड निर्माण कर नाबालिगों के नाम पर कार्य दर्शाते हुए सरकारी राशि की अवैध निकासी एवं गबन का आरोप है। इस मामले की जांच अनुमंडल पदाधिकारी की ओर से की गई थी, जिनका प्रतिवेदन विभाग को सौंपा गया। जांच प्रतिवेदन में आरोपों को सत्य पाया गया है।
जांच में यह भी प्रतिवेदित किया गया है कि मुखिया मुन्ना पासवान ने तत्कालीन पंचायत सचिव चंदन कुमार ठाकुर, ग्राम रोजगार सेवक मोहम्मद खालिद हुसैन तथा मजदूर मेठ संगीता कुमारी के साथ मिलीभगत कर आधार कार्ड में अंकित जन्मतिथि में छेड़छाड़ कर उसे परिवर्तित किया। इसके बाद नाबालिग बच्चों के नाम पर मजदूरी जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा की राशि की निकासी की गई।
अनुमंडल पदाधिकारी के जांच प्रतिवेदन के आलोक में उपायुक्त की ओर से मुखिया से स्पष्टीकरण मांगा गया था। समीक्षा के बाद प्राप्त स्पष्टीकरण को असंतोषजनक पाते हुए मुखिया मुन्ना पासवान को निलंबित करते हुए मुखिया पद की समस्त शक्तियां, वित्तीय शक्ति सहित, समाप्त कर दी गईं। पत्र में यह भी उल्लेख है कि इस प्रस्ताव पर मंत्री का अनुमोदन प्राप्त है।
इधर मुखिया मुन्ना पासवान ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को दुर्भावनापूर्ण बताते हुए कहा है कि वे राजनीतिक साजिश का शिकार हुए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जॉब कार्ड निर्माण में मुखिया की कोई भूमिका नहीं होती, यह कार्य पंचायत सचिव एवं रोजगार सेवक की ओर से किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले में पंचायत सचिव चंदन ठाकुर एवं रोजगार सेवक खालिद हुसैन को पूर्व में ही निलंबित किया जा चुका है। मुखिया ने मामले को लेकर उच्च न्यायालय की शरण लेने का निर्णय लिया है।
वहीं पूर्व विधायक अशोक कुमार भगत ने प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि महागामा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ठाकुरगंगटी प्रखंड के मालमाड़रो पंचायत में भी नाबालिग लड़कियों के नाम पर मनरेगा जॉब कार्ड से राशि निकासी का मामला सामने आया था। जांच में आरोप सही पाए जाने के बावजूद वहां कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि सीमानपुर पंचायत के दलित मुखिया पर जानबूझकर कार्रवाई की गई है, जो तुष्टिकरण की राजनीति को दर्शाता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रंजीत कुमार

