कृषि के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देनेवाले प्रेम शंकर डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित

कृषि के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देनेवाले प्रेम शंकर डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित
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कृषि के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देनेवाले प्रेम शंकर डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित


खूंटी, 13 अप्रैल (हि.स.)। जिले के ग्रामीण इलाकों में कृषि बागवानी के विकास में लगी स्वयंसेवी संस्था प्रदान के अधिकारी प्रेम शंकर को उषा मार्टिन विश्वविद्यालय ने उनके महत्वपूर्ण अनुसंधान और योगदान के लिए डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया। यह उपाधि शनिवार कों संयुक्त रूप से पद्मविभूषण डॉ आरए माशेलकर ( पूर्व महानिदेशक सीएसआरआइ) और विश्विद्यालय के कुलाधिपति प्रभात कुमार ( झारखण्ड के प्रथम राज्यपाल ) द्वारा दिया गया।

प्रेमशंकर के शोध झारखण्ड के दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल में आदिवासी परिवारों के आर्थिक उत्थान में मनरेगा अंतर्गत बिरसा हरित ग्राम योजना के प्रभाव पर केन्द्रित था। उन्होंने अपना शोध कार्य दिसम्बर 2023 में पूर्ण किया था। उषा मार्टिन द्वारा आयोजित दीक्षांत समारोह में उन्हें यह उपाधि दी गयी डॉ प्रेम शंकर ने अपने अध्ययन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने और स्थायी आय के स्रोतों को सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

उनके अनुसंधान के परिणाम न केवल स्थानीय समुदायों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे मनरेगा जैसे सरकारी कार्यक्रमों में आदिवासी परिवारों की आजीविका को सुदृढ़ करने की दिश में एक महत्वर्पूर्ण कार्य है। उन्होंने इस सम्मान के लिए अपने मार्गदर्शक डॉ अरविन्द हंस और अध्ययन में सहयोग देनेवाले सभी लोगों को धन्यवाद दिया। अध्ययन के दौरान उन्होंने मनरेगा के 500 लाभुकों से साक्षात्कार किया। इसके लिए उन सभी लाभुकों को भी आभार व्यक्त किया। एमबीए( प्रबंधन ) में गोल्ड मेडलिस्ट प्रेम शंकर वर्ष 2007 से अब तक प्रदान के साथ जुड़कर झारखण्ड में काम कर रहे हैं। खूंटी जिले में आम बागवानी, गेंदा फूल, तरबूज आदि की खेती को बड़े पैमाने पर ले जाने और एवं तोरपा प्रखंड में समन्वित प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के तहत एकीकृत ग्राम विकास के मॉडल बनाने में उनका विशेष योगदान रहा है।

डॉ. शंकर खूंटी, सिमडेगा सहित सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग डेढ़ दशक से आदिवासी परिवार के लिए प्रदान संस्था के साथ लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने आदिवासी समुदाय की गरीबी को काफी बारीकी से देखा व समझा है। इसलिए उनके लिए इस विषय पर अध्ययन करना काफी महत्वपूर्ण था, ताकि लोगों की आजीविका को और बेहतर करने में यह अध्ययन सहायक हो सके।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल

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