राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा सामरोह को लेकर गांव-गांव में उत्सव का माहौल
खूंटी, 11 जनवरी (हि.स.)। भगवान श्रीराम लला की नगरी अयोध्या में 22 जनवरी को होनेवाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर लेकर पूरे खूंटी जिले के गांव-गांव में उत्साह का माहौल है। गांव-गांव में अक्षत और निमंत्रण देकर लोगों को इस ऐतिहासिक पल का साक्षी और समारोेह में भागीदार बनने की अपील की जा रही है। 22 जनवरी को कहीं दीपोत्सव की तैयारी हो रही है, तो कहीं भंडारे कायोजना बन रही है, तो कहीं अखंड कीर्तन और हवन-पूजन के कार्यक्रम बनाये जा रहे हैं।
ढोल-मंजीरे के साथ राम भक्तों की टोली गांव-गांव जाकर अयोध्या से आये पूजित अक्षत का वितरण किया जा रहा है। वियव हिंदू परिषद और बजरंग दल के अलावा अन्य रामभक्तों द्वारा 22 जनवरी को बड़े आयोजन की तैयारी की जा रही है। शहर के मंदिरों के अलावा गली-मोहल्लों की छोटे-बड़े सभी मंदिरों की मनभावन साज-सज्जा की जा रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा भी प्राण प्रतिष्ठा सामरोह को लेकर विशेष तैयारी की जा रही है। विश्व हिंदू परिषद के खूंटी जिलाध्यक्ष विनोद जयसवाल और तोरपा प्रखंड अध्यक्ष एमपी सिंह ने बताया कि 22 जनवरी को अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग धार्मिक अनुष्ठान किये जायेंगे। घर-घर दीपोत्सव तो होगा ही, मंदिरांे में भी विशेष पूजा-अर्चना की जायेगी और भंडारे का आयोजन किया जायेगा। कहीं अखंड कीर्तन होगा, तो कहीं यज्ञ का आयोजन किया जाएगा।
अक्षत वितरण से प्रभावित होकर ईसाई धर्म अपनाने वालों ने की घर वापसी
अयोया में होनेवाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए वहां से आये पूजित अक्षत वितरण कार्यक्रम से प्रभावित होकर तोरपा प्रखंड की जरिया पंचायत के पाटपुर गांव के दो परिवारों ने फिर से हिंदू धर्म में वापसी की। कुछ वर्ष पहले ईसाई धर्म अपना लिया था। हिंदू धर्म में उनकी वापसी विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कराई। घर वापसी करने वालो में राजेंद्र चीक बड़ाईक और उमेश चीक बड़ाईक के का परिवार शामिल है।
विहिप के प्रखंड अध्यक्ष महेश सिंह ने बताया कि पाटपुर गांव में 85 परिवार निवास करते हैं। इनमें 81 पविार ईसाई धर्म अपना चुके हैं। केवल चार परिवार ही हिन्दू बचे हुए थे। जब विहिप व बजरंग दल के लोग बुधवार को पूजित अक्षत वितरण करने पाटपुर गांव पहुंचे थे। अयोध्या समारोह का निमंत्रण पाकर राजेन्द्र और उमेश चीक बड़ाईक के परिवार वाले इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने फिर से हिंदू धर्म अपनाने और राम यात्रा में शामिल होने की घोषणा की। जैसे ही उन्हें पूजित अक्षत दिया गया, परिवार वालों ने अक्षत को माथे से लगा लिया और उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक आये। परिवार वालों ने कहा कि 22 जनवरी को वे घर में परिवार वालों के साथ श्रीसत्यनारायण की कथा सुनेंगे और बाद में अयोध्या जाकर प्रभु श्रीराम के दर्शन भी करेंगे। इधर विहिप के पदाधिकारियों ने कहा कि जिनकी घर वापसी कराई गई है, उन्हें विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करायी जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल
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