मतदाता सूची से 12 लाख नाम कटना बड़ा सवाल : विजय नायक

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मतदाता सूची से 12 लाख नाम कटना बड़ा सवाल : विजय नायक


रांची, 4 दिसंबर (हि.स.)। आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केन्द्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को ईमेल भेजकर चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पर गंभीर आपत्ति जताई है।

विजय शंकर नायक ने गुरुवार को जारी अपने बयान में कहा कि आयोग द्वारा लगभग 12 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने की संभावना जताना लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर बड़ा प्रश्नचिह्न है। यदि इतने बड़े पैमाने पर फर्जी मतदाता हैं, तो यह अत्यंत गंभीर मुद्दा है, लेकिन बिना ठोस और पारदर्शी जांच किए नाम हटाना सीधे लोकतंत्र पर हमला माना जाएगा।

नायक ने चेतावनी दी कि यदि गरीब, प्रवासी मजदूर, आदिवासी–मूलवासी समुदाय और ग्रामीण–शहरी क्षेत्रों के मतदाताओं के नाम हटाए गए, तो जनता अपने मताधिकार की रक्षा के लिए आंदोलन को मजबूर होगी। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों, दलित–पिछड़े वर्गों और आदिवासी क्षेत्रों में पहले से ही असंतोष बढ़ रहा है, ऐसे में बिना उचित सत्यापन के नामों की कटौती संवैधानिक अधिकारों का हनन होगी।

नायक ने कहा कि लोकतंत्र में किसी भी नागरिक का मताधिकार छीनना अस्वीकार्य है और यदि आवश्यक हुआ तो संगठन सड़क से लेकर संवैधानिक संस्थानों तक लड़ाई लड़ेगा।

उन्होंने चुनाव आयोग के समक्ष छह प्रमुख मांगें रखीं, जिनमें सरकार आपके द्वार’ की तर्ज पर ईसीआई आपके द्वार अभियान शुरू किया जाए, सभी पंचायतों और वार्डों में विशेष मतदाता पंजीकरण शिविर लगाए जाएं, बीएलओ के संपर्क नंबर सार्वजनिक किए जाएं, बिना दो नोटिस और भौतिक सत्यापन के किसी भी मतदाता का नाम न काटा जाए, प्रवासी मजदूरों को कम से कम छह माह का सत्यापन समय दिया जाए और दूरस्थ इलाकों में मोबाइल वोटर सेवा वैन चलाकर पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।--------

हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar

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