उपायुक्त ने किया वन धन विकास केंद्र का निरीक्षण
खूंटी, 4 दिसंबर (हि.स.)। उपायुक्त लोकेश मिश्रा ने सोमवार को वन धन विकास केंद्र, सिलादोन का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने वन धन विकास केंद्रों द्वारा किये जा रहे कार्यों के सम्बन्ध में जानकारी ली। डीसी ने कहा कि वन उत्पादन के मूल्यवर्धन के लिए कौशल उन्नयन और क्षमता निर्माण प्रशिक्षण भी प्रदान करना महत्वपूर्ण है। इस योजना के तहत वन धन विकास केंद्र में माइनर फॉरेस्ट प्रोडक्ट्स और क्षेत्र में पायी जाने वाली कई प्रकार की जड़ी-बूटियों के रख-रखाव की ट्रेनिंग एवं मार्केटिंग से संबंधित आवश्यक जानकारियां प्राप्त की जा सकती हैं, जिससे कार्यकुशलता में वृद्धि होगी।
उपायुक्त ने केंद्र के आउटलेट में रखी गई वस्तुओं का अवलोकन किया और लाह से निर्मित चूड़ियों की प्रक्रिया की जानकारी ली। इस दौरान कार्य कर रही दीदियों ने बताया कि वन धन केंद्र में सखी मंडलों से कुल 300 सदस्यों को जोड़कर ट्रेनिंग दी गईं है। इसके साथ ही जिले में एमएफपी उपलब्धता में इमली, करंज बीज, साल बीज, महुआ बीज, साल के पत्ते, चिरौंजी आदि के संबंध में चर्चा की गई। वन धन विकास केंद्र के माध्यम से संगठित 300-300 किसान अपनी उपज को एकत्रित करते हैं। इन एकत्रित किए गये उत्पादों की गुणवत्ता के अनुसार छंटाई भी की जाती है। छंटाई के पश्चात प्रसंस्करण के लिए भेजा जाता है, जहां संबंधित सामग्रियों का निर्माण होता है। इस दौरान लाह के माध्यम से महिलाओं द्वारा चूड़ियों का निर्माण कर उन्हें खुले बाज़ार में बेचने के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। उपायुक्त ने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य है कि उत्पादन एवं प्रसंस्करण को सुदृढ करना है।
हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल
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