एक फसली खेती को धीरे-धीरे द्विफसली में परिवर्तित करना जरूरी : उपायुक्त
खूंटी, 5 जुलाई (हि.स.)। उपायुक्त लोकेश मिश्रा की अध्यक्षता में समाहरणालय के सभागार में शुक्रवार को आत्मा शासकीय निकाय और जिला स्तरीय खाद्य एवं पोषण सुरक्षा कार्यकारिणी समिति की बैठक अयोजित की गई।
बैठक में वित्तीय वर्ष 2023-24 में आत्मा और खाद्य और पोषण सुरक्षा योजना के तहत किये गये कार्यों की समीक्षा की गई। इस दौरान आत्मा द्वारा कराये गये कार्यों को पावर पॉंइट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। तत्पश्चात वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य स्तर से प्राप्त वार्षिक कार्य योजना पर विस्तृत चर्चा की गई। इस दौरान उपायुक्त ने केवीके के वैज्ञानिक एवं प्रगतिशील किसानों से खेती में उत्पादन एवं रबी फसलों के अच्छादन संबंधी सलाह मांगी।
वैज्ञानिक एवं किसानों ने लाह की खेती, मडुवा की थ्रेसिंग के लिए किसानों को मदद उपलब्ध कराने का सलाह दी गई। इस संबंध में उपायुक्त ने सहमति व्यक्त की। उन्होंने निर्देश दिया कि किसानों के प्रशिक्षण और परिभ्रमण कें लिए उनकी आवश्यकता का आकलन करते हुए कार्यक्रम तैयार किया जाय। उपायुक्त ने खेती की सघनता को बढ़ाने कें लिए रबी फसलों का रकबा बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। रबी फसलों को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक कृषक गोष्ठी का आयोजन करने का निर्देश देते हुए कहा कि इसमें प्रगतिशील कृषक एवं प्रखण्ड के पदाधिकारियों को शामिल किया जाना चाहिए, ताकि जिले में एक फसली खेती को धीरे-धीरे द्विफसली खेती में परिवर्तित किया जा सके।
उपायुक्त द्वारा निर्देशित किया कि विशेषकर अड़की, मुरहू एवं खूंटी के सभी हितधारकों के साथ यथाशीघ्र एक बैठक कर खरीफ के साथ रबी फसलों की खेती को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाना चाहिए। किसान समृद्वि योजना एवं मिलेट मिशन योजना पर चर्चा के उपरांत उपायुक्त द्वारा किसानों को पुरस्कृत करने हेतु वैसे किसानों का चुनाव करने को कहा गया, जो रबी मौसम में अच्छी खेती कर आस-पास के किसानों क बीच एक उदाहरण पेश कर रहें हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल
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