झामुमो के सीआरपीएफ वाले बयान पर भाजपा का जबरदस्त पलटवार
- भ्रष्टाचार के मुद्दे में फंसे मुख्यमंत्री ध्यान बांटने के लिए जानबूझ कर राज्य को अराजकता में झोंकना चाहते हैं : प्रतुल शाहदेव
रांची, 21 जनवरी (हि.स.)। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने रविवार को झामुमो प्रवक्ता के इस बयान पर जबरदस्त पलटवार किया है कि सीआरपीएफ का दुरुपयोग कर मुख्यमंत्री की पूछताछ के दौरान राज्य में बदहाल स्थिति पैदा करने की कोशिश की जा रही थी। प्रतुल ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा था कि भ्रष्टाचार के आप पर चौतरफा घिरे मुख्यमंत्री ध्यान बंटाने के लिए सारी मर्यादा तोड़ रहे हैं। बीते शनिवार को ऐसा लग रहा था कि झामुमो का शीर्ष नेतृत्व झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) कार्यकर्ताओं से हिंसा तक करवा देंगे।
प्रतुल ने कहा कि धारा 144 लगे होने के बावजूद मुख्यमंत्री के आह्वान पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के 10000 कार्यकर्ता हथियार लेकर मुख्यमंत्री के घर के पास पहुंच गए।मुख्यमंत्री इन कार्यकर्ताओं के जरिए क्या देश की न्यायिक व्यवस्था, न्यायाधीशों, केंद्रीय एजेंसी या देश के संविधान को डराना चाह रहे थे। भय का माहौल तो यह सरकार पैदा कर रही थी।
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास के पास जब धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू था। तो उसके बाद झामुमो के हजारों कार्यकर्ताओं को प्रशासन ने कैसे हथियार के साथ जाने की अनुमति दी? प्रतुल ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास में विधायकों और मंत्रियों का भी बिना बात का जमावड़ा लगा रहा।
प्रतुल ने कहा कि लगातार कल सारे टीवी चैनलों में झामुमो के नेताओं और कार्यकर्ताओं का ईडी के अधिकारियों पर हमला और सेंदरा करने का आह्वान दिखता रहा। जब ईडी के अधिकारी जा रहे थे तो झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और कार्यकर्ता उन पर भड़काऊ नारे लगाते दिखे।
प्रतुल ने कहा कि बीच में तो स्थिति इतनी तनाव पूर्ण हो गई थी कि लग रहा था कि ईडी के अधिकारियों पर के साथ कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है। प्रतुल ने कहा कि मुख्यमंत्री तो खुद कानून का मौखौल उड़ाते रहे ।खुद ईडी के दफ्तर पूछताछ कराने नहीं गए। घर बुलाकर पूछताछ कराया। मुख्यमंत्री खुद चाहते थे परिस्थितियों बिगड़े और लाठी गोली चले। अगर कल सीआरपीएफ नहीं आती तो ईडी के साथ किसी अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता था। प्रतुल ने कहा कि पूछताछ के दौरान जिस तरीके से झामुमो के कार्यकर्ताओं ने भड़काऊ नारे लगाए ,धारा 144 का उल्लंघन किया।अभी तक उनके खिलाफ कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं होना यह सिद्ध करता है कि यह सारा प्रदर्शन स्टेट के द्वारा प्रायोजित था।
उल्लेखनीय है कि झामुमो के महासचिव विनोद पांडेय और सुप्रियो भट्टाचार्य ने रविवार को संयुक्त रूप से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ईडी की पूछताछ के दौरान उतारे गए 500 से अधिक सीआरपीएफ के जवानों को लेकर सवाल उठाया है। झामुमो ने कहा कि एक सोची समझी रणनीति के तहत केंद्र सरकार ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश रची थी। झामुमो ने राज्य सरकार से मांग किया है कि सीआरपीएफ आईजी, कमांडेट एवं उनके अन्य वरीय पदाधिकारियों पर इस असंवैधानिक कार्य के लिए सख्त कानूनी कार्रवाई करते हुए एक उच्च स्तरीय जांच करा कर पूरे साजिश का भांडा फोड़ किया जाए।
हिन्दुस्थान समाचार/वंदना/प्रभात
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