भाजपा कार्यालय में श्रद्धापूर्वक मनाई गई डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती
खूंटी, 6 जुलाई (हि.स.)। भाजपा के जिला कार्यालय खूंटी में शनिवार को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती जिलाध्यक्ष की अध्यक्षता में मनाई गई और संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश प्रसाद ने कहा कि जब देश आजाद हुआ तो अंतरिम सरकार में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री के रूप में शामिल हुए।
नेहरू और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली के बीच हुए समझौते के विरोध में छह अप्रैल 1950 को उन्होंने मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया। उस समय देश में पूंजीवाद और सामंतवाद दो ही विचारधारा चलती थी। डॉ मुखर्जी को लगा देश में राष्ट्रवाद का भी विचार चलना चाहिए। इसलिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक गुरु गोलवलकर से परामर्श लेकर मुखर्जी ने 21 अक्टूबर 1951 को राष्ट्रीय जनसंघ की स्थापना की। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जम्मू-कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना चाहते थे। संसद में अपने भाषण में उन्होंनें धारा-370 को समाप्त करने की भी जोरदार वकालत की थी।
डॉ मुखर्जी अपने संकल्प को पूरा करने के लिये 1953 में बिना परमिट लिये जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े। वहां पहुंचते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 23 जून 1953 को जेल में रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी। जेल में उनकी मृत्यु ने देश को हिलाकर रख दिया और परमिट सिस्टम समाप्त हो गया।
उन्होंने कश्मीर को लेकर एक नारा दिया था, नहीं चलेगा एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को जम्मू-कश्मीर से हटाने के संकल्प को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरा किया। कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री बिनोद नाग और धन्यवाद ज्ञापन जिला उपाध्यक्ष संजय साहू ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल
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