मेदिनीनगर में विभिन्न राज्यों के कलाकारों की रंगारंग प्रस्तुति



मेदिनीनगर में विभिन्न राज्यों के कलाकारों की रंगारंग प्रस्तुति


मेदिनीनगर, 19 मार्च (हि.स.)। इप्टा के 15वें राष्ट्रीय सम्मेलन में रविवार को सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान तेलंगाना, बिहार, केरल, बंगाल, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश सहित विभिन्न राज्यों की प्रस्तुतियों के साथ लोकरंग के दर्शन प्रस्तुत किया गया।

बिहार इप्टा के कलाकारों ने संगीत निर्देशक सीताराम सिंह के नेतृत्व में सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत करते हुए ‘इप्टा से जुड़े कलाकारों की फिल्मी दुनिया में धमक की गूंज’ थीम पर आवाम से जुड़े ‘साथी हाथ बढ़ाना, इंसान का इंसान से हो भाईचारा-यही पैगाम हमारा’ आदि फिल्मी जनगीतों की सामूहिक प्रस्तुति दी।

इसी क्रम में तेलंगाना इप्टा ने पल्ले नरसिंम्हा के नेतृत्व में पारंपरिक वाद्ययंत्रों के यंत्रों के साथ लोकगीतों की धमाकेदार प्रस्तुति दी। खास बात यह थी कि भाषा से अपरिचित होते हुए भी श्रोता झूमने और थिरकने लगे। यही माहौल केरल, बंगाल, आंध्रप्रदेश इप्टा की प्रस्तुति के दौरान देखने को मिला। मलयाली भाषा में लोकगीत होने के बावजूद हिंदी भाषी दर्शक झूमते रहे। पूरे सांस्कृतिक आयोजन में भाषा की रूकावट कहीं देखने को नहीं मिली।

केरल इप्टा के कलाकारों ने मंच पर गमछे के माध्यम से आकृतियां रचते हुए लोकगीत की कहानी को व्यक्त किया। आयोजन समिति के महासचिव शैलेन्द्र कुमार ने इसे व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा देश बहुलतावादी संस्कृति का देश है और इप्टा का मंच देश की इसी मिली-जुली संस्कृति का प्रतीक है। छत्तीसगढ़ इप्टा के कलाकारों ने रोशन घड़ेकर के निर्देशन में करमा लोकनृत्य और डंडा लोकनृत्य के कंपोजीशन को प्रस्तुत किया।

नीलाम्बर-पीताम्बर लोक महोत्सव के आयोजन में झारखंड सरकार के सांस्कृतिक कार्य निदेशालय, कला-संस्कृति, पर्यटन, खेल-कूद एवं युवा कार्य विभाग का भी सहयोग प्राप्त है।

हिन्दुस्थान समाचार /संजय

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