कृषि विभाग के अधिकारियों ने 12 ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को आवंटित किया काम, कार्रवाई करे सरकार : भाकपा

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कृषि विभाग के अधिकारियों ने 12 ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को आवंटित किया काम, कार्रवाई करे सरकार : भाकपा


रांची, 6 दिसंबर (हि.स.)। भाकपा राज्य कमेटी ने कृषि विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की आलोचना की है। पार्टी ने पीडीएमसी योजना के तहत किसानों को घटिया उत्पाद और उपकरण की आपूर्ति एवं सीआईपीईटी की जांच रिपोर्ट को दरकिनार कर 12 काली सूची कंपनियों को कार्य आवंटित करने को संदेहास्पद बताया है।

इसे लेकर पार्टी के राज्य कार्यकारिणी के सदस्य अजय सिंह ने शनिवार को पार्टी के मेन रोड स्थित पार्टी के राज्य कार्यालय में प्रेस वार्ता की। प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड से भ्रष्टाचार हटाने का दावा करते हैं, लेकिन विभाग के अधिकारी उनके दावों को खोखला साबित कर अपने मर्जी से काम कर रहे हैं।

भ्रष्टाचार रोकने में विफल साबित हो रही सरकार

अजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री लगातार राज्य के विकास के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के कारण राज्य सरकार भ्रष्टाचार रोकने में विफल साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में कृषि विभाग ने झारखंड की कई कंपनियों को भ्रष्टाचार के आरोप में ब्लैक लिस्ट किया गया था। किसानों को नॉन स्टैंडर्ड कम गुणवत्ता वाले उत्पाद उपकरण देने के कारण । सीआईपीटी सेन्ट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली में उपयोग हो रहे प्लास्टिक उत्पाद के परीक्षण कार्य सरकार ने दिया था। रैंडम जांच में सीआईपीटी ने उत्पाद को नन स्टैंडर्ड करार दिया। जिस रिपोर्ट

के आधार कंपनियों को पांच वर्षों के लिए ब्लैक लिस्ट किया गया और बैंक गारंटी और भुगतान पर रोक लगा दिया गया, लेकिन आठ दिनों के भीतर ही उन कंपनियों को बिना जांच के ब्लैक लिस्ट से बाहर कर फिर से एक बार कार्य दे दिया गया। उन्‍होंने कहा कि ये कंपनियां आज भी अधिकारियों की मिलीभगत से कृषि विभाग में कार्य करते हुए भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही हैं।

ये कंपनियां हुईं थी ब्‍लैक लिस्‍टेड

ब्लैक लिस्टेड कंपनियों के नाम मोहित इंडिया, मैक नाउ इंडस्ट्रीज, ग्लोबल मैकेनिकल इक्वीोपमेंट, प्रीमियर इरीगेशन, एडरिटेक प्राइवेट लिमिटेड, निंबस पाइप्सक लिमिटेड, मोहित पॉलीटेक प्राइवेट लिमिटेड, वेदांता पॉलीमर्स प्राइवेट लिमिटेड, रूंगटा इरीगेशन लिमिटेड, श्री भंडारी प्लाटस्टिक प्राइवेट लिमिटेड, भारत ड्रॉप इरीगेशन एंड एग्रो, आरएम ड्रिप एंड स्प्रीं कलर्स सिस्टीम लिमिटेड और समय इरीगेशन प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि इन कंपनियों के नमूने सीआईपीटी की जांच में नन स्टैंडर्ड पाए गए थे, लेकिन इनपर कार्रवाई न कर अधिकारियों ने राज्य में कृषि विभाग का 60 प्रतिशत का हासिल कर लिया।

अजय सिंह ने राज्य सरकार से सरकार को बदनाम करने वाले ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है।

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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak

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