पलामू में आधा किलोमीटर सड़क को लेकर तकरार, वन विभाग और ग्रामीण आमने-सामने
पलामू, 23 दिसंबर (हि.स.)। जिले के तरहसी-मनातू प्रखंड को जोड़ने वाली सड़क में आधा किलोमीटर पथ निर्माण पर तकरार की स्थिति बनी हुई है। ग्रामीण और वन विभाग इस मामले में आमने-सामने हैं। ग्रामीण सड़क निर्माण कर आवागमन करना चाहते हैं जबकि वन विभाग ने निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। ग्रामीणों में इसे लेकर भारी आक्रोश देखा जा रहा है और आन्दोलन की रणनीति बनाई गई है।
उल्लेखनीय है कि प्रखंड के सुदूरवर्ती गोइंदी से जंगली रास्ते सिलदाग होकर लोगों का मनातू आना-जाना होता है। यह सड़क सुरखी-पहाड़ी नुमा दुर्गम है। हर वर्ष बरसात के बाद ग्रामीण इसकी मरम्मत कर इसे चलने लायक बनाते हैं। इस वर्ष भी श्रमदान कर करीब डेढ़ किलोमीटर के एरिया में सड़क बना दी गयी है। आधा किलोमीटर का निर्माण बचा हुआ है। इस हिस्से में जंगल है। वन विभाग जंगली क्षेत्र में किसी तरह का हस्तक्षेप से इनकार कर रहा है। नतीजा लंबे समय से निर्माण नहीं हो पा रहा है।
20 वर्ष से ग्रामीण कर रहे हैं सड़क का इस्तेमाल
गोइंदी के पूर्व मुखिया विजय यादव ने कहा कि गोइंदी तरहसी का सबसे सुदूरवर्ती इलाका है। मनातू से यह इलाका सटा हुआ है। तरहसी होकर मनातू जाने में 75 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है जबकि सिलदाग से होकर जाने में 25 किलोमीटर की दूरी पड़ती है। आपातकालीन स्थिति सहित अन्य मामलों को लेकर मनातू जाने के लिए ग्रामीण इसी सड़क का इस्तेमाल करते हैं। हर वर्ष बरसात में कच्ची दुर्गम सड़क जहां-तहां बहाव के कारण टूट जाती है। उसे श्रमदान कर ठीक किया जाता है और उस पर बाइक से आना जाना होता है लेकिन वन विभाग द्वारा मरम्मत कार्य पर रोक लगा दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह सड़क उनकी लाइफ लाइन है और किसी कीमत पर इसे बनाकर ही दम लेंगे।
ग्रामीण कनहाई सिंह, शिवन यादव, वीरेन्द्र यादव, सुनील कुमार यादव, सत्यदेव सिंह, मनोज यादव, निर्मल यादव, विजय यादव, जलेन्द्र ठाकुर, उज्जवल साव आदि ने कहा कि सड़क की मरम्मत नहीं करने देने पर आन्दोलन तेज किया जायेगा और आत्मदाह किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वे दो दशक से इस सड़क का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस सड़क के बंद होने से उनका मनातू से संपर्क कट जायेगा। उन्होंने कहा कि गोइंदी के अलावा पूर्णिहिंदिया, हिंदिया, कुटिला, एकता, निरगड़ा, गेंदरा, आरा एवं अन्य गांव के हजारों लोग इसी सड़क से मनातू ब्लाक, थाना और अस्पताल इलाज के लिए आते-जाते हैं।
वनरक्षी अभिमन्यु कुमार ने बताया कि वन भूमि पर मजदूरी करने और जेसीबी सहित अन्य मशीनों का इस्तेमाल वर्जित है। वन भूमि में आने जाने से किसी को रोक नहीं है लेकिन यदि किसी तरह की सड़क बनाने की बात है तो इसके लिए ग्रामीणों को डीएफओ कार्यालय से एनओसी लेना होगा। इसके बाद निर्माण कार्य करें, उन्हें कोई परेशानी नहीं है।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिलीप कुमार/चंद्र प्रकाश
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