15 रैयतों के साथ एडिशनल कलेक्टर की बैठक, प्रशासन के रवैये से नाराजगी, उच्च न्यायालय जाने की चेतावनी
पलामू, 24 जून (हि.स.)। अंचल पदाधिकारी सतबरवा के कक्ष में सोमवार को 15 रैयतों के साथ भूमि समाहर्ता तथा जिला भू-अर्जन पदाधिकारी कुमुदिनी टूडू और सदर अनुमंडल पदाधिकारी अनुराग तिवारी ने बैठक की। एडिशनल कलेक्टर कुंदन कुमार की अध्यक्षता में की गई बैठक में उन्होंने बताया कि रैयत के साथ फोरलेन सड़क में जमीन अधिग्रहण को लेकर सकारात्मक बातचीत हुई है। जिन रैयत को समस्या है वह आर्बिट्रेशन में आकर अपना पक्ष रखेंगे।
बैठक को लेकर प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर में सैकड़ों की संख्या में रैयत पहुंचे थे। रैयतों ने एक स्वर में प्रशासन के रवैये से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जरूरत पड़ने पर केंद्रीय मंत्री के अलावे उच्च न्यायालय के शरण में जाएंगे। सलाह मशवरा करके सतबरवा रैयत संघर्ष समिति आंदोलन भी करेगी।
संघर्ष समिति अध्यक्ष संत कुमार मेहता, महासचिव संजय कुमार यादव ने संयुक्त रूप से बताया कि 25 जून दिन मंगलवार को रैयत संघर्ष समिति के बैनर तले बैठक रखी गई है। बैठक में निर्णय लेने के बाद कुछ बताया जाएगा।
बैठक के दौरान शिष्टमंडल में रैयत संघर्ष समिति अन्य सदस्य मौजूद थे। वही सुभाष चंद्र बोस, विजय मेहता, निर्मल सिंह, पीतांबर यादव, जितेंद्र चौधरी, अविनाश कुमार, संजय चौधरी, जयनाथ साहू, जगन्नाथ लाल, धर्मवीर प्रसाद, बकोरिया और ठेमा गांव के ग्राम प्रधान बिगन सिंह खरवार, बेचन मुंडा के साथ जलील मियां, अनिल सिंह, धीरज कुमार, भोला प्रसाद, भोला मेहता, कृष्ण प्रसाद, विजय मुंडा, जलील मियां, इम्तियाज अंसारी समेत ढेर सारे रैयत मौजूद थे।
रैयतों ने रोका एनएचएआई कर्मियों का काम
सतबरवा रैयत संघर्ष समिति ने ठेमी और पोंची में चार मशीन लगाकर काम करा रहे एनएचएआईकर्मियों के सड़क निर्माण को रोक दिया। काम रोके जाने के बाद भारत माला प्रोजेक्ट के तहत तीसरे फेज के काम में अड़चन उत्पन्न हो गई है। लातेहार के उदयपुरा से पलामू के भोगू तक फोरलेन सड़क निर्माण कार्य करा रही भारत वाणिज्य कंपनी के कर्मी काफी परेशान हो गए हैं। वही दूसरी ओर काम रोके जाने के बाद कंपनी के सुपरवाइजर और कर्मी थाना पहुंच गए थे।
प्रभारी थाना प्रभारी विश्वनाथ राणा और एएसआई वसंत कुमार दुबे ने बताया कि एनएचएआई कर्मियों को सख्त हिदायत दी गई है कि रैयत की सहमति तथा एलपीसी निर्गत होने के बाद ही काम लगाएं। कंपनी के सुपरवाइजर विनय राय ने बताया कि रैयत की सहमति से ही कार्य करा रहे थे।
इधर रैयत संघर्ष मोर्चा के महासचिव संजय यादव ने बताया कि 350 रैयतों का मामला अपर समाहर्ता कोर्ट में चल रहा है। हम लोगों को एनएच 98 की तर्ज पर मुआवजा मिले। रैयत विकास विरोधी नहीं है। उन्होंने बताया कि रैयत महेश प्रसाद की जमीन में पीलर गाड़ा गया है, उसके बाद भी दूसरी तरफ और जमीन ली जा रही है।
बीकॉम के विद्यार्थी महेश के पुत्र को कंपनी कर्मी ने प्रलोभन दिया कि अकाउंटेंट में नौकरी लगा देंगे। संजय यादव ने आगे बताया कि रैयतों के साथ कंपनी के कर्मी जबरदस्ती करने पर उतर गए हैं। बार-बार रैयतों को धमकी देते हैं कि काम नहीं करने दोगे तो झुठे मुकदमे में फंसाकर जेल भिजवा देंगे। रैयतों को शक है कि मशीन के साथ छेड़छाड़ और पिटाई का बहाना बनाकर कर्मियों के द्वारा झुठा मुकदमा दर्ज कराया जा सकता हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप
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