वक्फ बोर्ड की संपत्ति के रूप में सूचीबद्ध किए गए तालाब को लेकर लोगों में गहराया रोष
अखनूर, 12 दिसंबर (हि.स.)। अखनूर में एक गांव के तालाब को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। निवासियों का दावा है कि यह तालाब पीढ़ियों से सार्वजनिक जल निकाय रहा है लेकिन हाल ही में इसे वक्फ बोर्ड की संपत्ति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। स्वामित्व में अचानक हुए इस बदलाव से स्थानीय लोगों में आक्रोश और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। ग्रामीणों के अनुसार तालाब का उपयोग हमेशा से स्थानीय समुदाय और पंचायत द्वारा किया जाता रहा है।
पुराने राजस्व अभिलेखों नक्शों और जमाबंदी प्रविष्टियों में इसे सार्वजनिक भूमि के रूप में दर्शाया गया है। बुजुर्ग निवासियों का कहना है कि छप्पर ऐतिहासिक रूप से एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक जल स्रोत रहा है। स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं
कि दशकों पुरानी सार्वजनिक संपत्ति को बिना किसी पारदर्शी सत्यापन या परामर्श के कैसे पुनर्वर्गीकृत किया जा सकता है। उनका आरोप है कि भूमि अभिलेखों में इस बदलाव से प्रक्रिया, समय और प्रामाणिकता पर गंभीर प्रश्न उठते हैं। निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि:सभी ऐतिहासिक अभिलेखों की निष्पक्ष और पारदर्शी समीक्षा की जाए। पुराने राजस्व दस्तावेजों नक्शों और स्वामित्व संबंधी प्रविष्टियों का सत्यापन करें।
किसी भी आगे की कार्रवाई या दावे की अनुमति देने से पहले तालाब की कानूनी स्थिति स्पष्ट करें। यह सुनिश्चित करें कि उचित जांच के बिना सार्वजनिक संसाधनों का पुनर्आवंटन न किया जाए। अधिकारियों ने कहा है कि राजस्व दस्तावेजों के आधार पर की गई जांच अनुचित है। ---------------
हिन्दुस्थान समाचार / SONIA LALOTRA

