सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन, समावेशी और सतत विकास विषय पर दो दिवसीय सेमिनार शुरू
जम्मू, 2 नवंबर (हि.स.)। राज्यसभा सांसद गुलाम अली खटाना ने वीरवार को सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन, समावेशी और सतत विकास विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में मुख्य भाषण प्रस्तुत किया। यह कार्यक्रम भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तत्वावधान में डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर द्वारा आयोजित किया गया था।
खटाना ने अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए के ऐतिहासिक निरस्तीकरण के बाद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में हुए उल्लेखनीय सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन पर प्रकाश डाला। चर्चा मुख्य रूप से सामाजिक-राजनीतिक और आर्थिक स्थितियों में महत्वपूर्ण सुधारों पर केंद्रित थी, जिसमें अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर रहने वाले लोगों के कल्याण पर विशेष ध्यान दिया गया था।
सांसद ने कहा कि पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों, गोरखाओं, वाल्मिकियों और राज्य के बाहर शादी करने वाली महिलाओं को नागरिकता के अधिकार प्रदान किए गए हैं, जो भारतीय स्वतंत्रता के सात दशकों के बाद एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने दावा किया कि केसर, पश्मीना, बसोहली पेंटिंग और बासमती चावल जैसे स्थानीय उत्पादों के लिए जियोटैगिंग की शुरूआत, भारत के भीतर और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर इन अद्वितीय उत्पादों की दृश्यता और पहुंच बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रही है।
हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान
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