एसएमवीडीयू के स्कूल ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग को दो शोध परियोजनाओं के लिए जेकेएसटीएंडआईसी से अनुदान

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एसएमवीडीयू के स्कूल ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग को दो शोध परियोजनाओं के लिए जेकेएसटीएंडआईसी से अनुदान


जम्मू, 28 दिसंबर (हि.स.)। श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय (एसएमवीडीयू) के स्कूल ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग ने जम्मू-कश्मीर विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, जम्मू-कश्मीर सरकार की स्पॉन्सर्ड रिसर्च एंड एक्सटेंशन प्रोग्राम 2025–26 के तहत दो महत्वपूर्ण शोध परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण प्राप्त किया है। ये परियोजनाएं केंद्र शासित प्रदेश की दो प्रमुख चुनौतियों, जनजातीय समुदायों के लिए सतत ऊर्जा उपलब्धता और कृषि क्षेत्र में पोस्ट-हार्वेस्ट नुकसान को कम करने, पर केंद्रित हैं।

पहली स्वीकृत परियोजना “इंटीग्रेटेड बायोमास कुकस्टोव–कॉम्पोज़िट फेज़ चेंज मटीरियल थर्मोइलेक्ट्रिक सिस्टम” के लिए 6.00 लाख रूपये का अनुदान प्रदान किया गया है। इस परियोजना का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के जनजातीय एवं दूरदराज़ क्षेत्रों में एक साथ स्वच्छ खाना पकाने की सुविधा और आंशिक घरेलू विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करना है। परियोजना टीम में प्रो. ई. मुथुस्वामी, डॉ. राजीव कुमार और डॉ. वरुण दत्ता शामिल हैं। यह प्रणाली पारंपरिक बायोमास चूल्हों से होने वाले स्वास्थ्य जोखिम, इनडोर वायु प्रदूषण और ईंधन संकट को कम करते हुए महिलाओं का श्रम घटाने और ऑफ-ग्रिड क्षेत्रों में बुनियादी विद्युतीकरण में सहायक होगी।

दूसरी परियोजना “जम्मू-कश्मीर कृषि में पोस्ट-हार्वेस्ट नुकसान कम करने के लिए 3डी-प्रिंटेड पैकेजिंग का डिज़ाइन एवं विकास” को 8.00 लाख रूपये का अनुदान मिला है। इस परियोजना में डॉ. मीर इरफान उल हक, डॉ. अंकुश रैना, डॉ. संजय मोहन (एसएमवीडीयू) और डॉ. ओवैस गुलज़ार (आईयूएसटी अवंतीपोरा) शामिल हैं। परियोजना का लक्ष्य एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग के माध्यम से फसल-विशिष्ट 3डी-प्रिंटेड पैकेजिंग विकसित करना है, जिससे यांत्रिक क्षति कम हो, शेल्फ लाइफ बढ़े और किसानों की आय व उत्पाद की बाज़ार क्षमता में सुधार हो।

एसएमवीडीयू के कुलपति प्रो. प्रगति कुमार ने इस उपलब्धि पर शोधकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि ये परियोजनाएं विश्वविद्यालय के सतत विकास, नवाचार और समावेशी प्रगति के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि इनके परिणाम जम्मू-कश्मीर की विकासात्मक चुनौतियों के समाधान में विश्वविद्यालय की भूमिका को और सशक्त करेंगे।

स्कूल ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रमुख डॉ. यथेष्ठ आनंद ने भी परियोजना टीमों को बधाई देते हुए कहा कि यह सफलता स्कूल के मजबूत शोध वातावरण और क्षेत्र-विशेष समस्याओं के समाधान के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इस अवसर पर प्रो. के. आर. झा, डीन एफओई और प्रो. ए. के. दास, डीन आरएंडडी ने भी फैकल्टी सदस्यों के प्रयासों की सराहना की तथा जेकेएसटीएंडआईसी को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा

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