साहिब बंदगी के सद्गुरु ने अपने प्रवचनों की अमृत वर्षा से संगत को निहाल किया
जम्मू, 7 जुलाई (हि.स.)। साहिब बंदगी के सद्गुरु श्री मधुपरमहंस जी महाराज ने आज रखबंधु में अपने प्रवचनों की अमृत वर्षा से संगत को निहाल करते हुए कहा कि संतों की महिमा निराली है। वो तीन लोक से परे अमर देश का संदेश संसार को देते हैं। उनसे बड़ा ब्रह्माण्ड में कोई नहीं है। पलटू साहिब अपनी वाणी में एक बात बड़ी प्यारी बोल रहे हैं। वो कह रहे हैं कि जो बड़ा है, उसी की भक्ति करनी चाहिए। संतों ने सबको नजर में लिया। 33 करोड़ देवता, त्रिदेव आदि सबको देखा। फिर 33 करोड़ देवताओं में से भी ब्रह्मा, विष्णु और महेश को सब देवी-देवताओं में बड़ा मानकर छांटा। फिर इन तीनों में से भी दो को छोड़ विष्णु जी को बड़ा मानकर चुना। फिर पलटू साहिब अपनी वाणी में कह रहे हैं कि हरि गुण के बीच हैं और संत गुण के पार हैं। इसलिए संतों की भक्ति करो। इसलिए संतों की बड़ी महिमा है।
संत वो है जो सगुण और निर्गुण दोनों भक्तियों से हटकर भक्ति किये। लेकिन आजकल खिचड़ी है। कोई भी कपड़े पहन लिया और कहते हैं कि संत हैं। साहिब जी ने कहा कि संतों ने जाति पाति का विरोध किया। समाज को सचेत किया। अगर संतों की वाणी का सार देखेंगे तो 5 बातें अलग बोलीं। पहला कहा कि ये 3 लोक, ये 14 भवन नाशवान हैं। इसमें कोई सुरक्षित नहीं है। पर वो अमर लोक कभी नष्ट नहीं होता है जहाँ से आत्मा आई है। दूसरा बोला कि बिना सद्गुरु के नहीं बच सकता है। कितना भी विद्वान हो, गुरु के बिना पार नहीं हो सकता है। तीसरा नाम की महिमा कही। बोला कि संसार में करोड़ों नाम है पर वो सत्य नाम इनसे परे है। वो अलग नाम है, जो केवल संतों के पास है। उसी से जीव संसार सागर से पार हो सकता है। चौथा, साहिब ने गुरुमुखता पर जोर दिया। पाँचवा, सुरति योग बोला।
हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान
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