गीता का संदेश केवल आध्यात्मिक जीवन तक सीमित नहीं, बल्कि हमारे दैनिक जीवन में भी लागू होता है- गायत्री देवी
जम्मू, 22 दिसंबर (हि.स.)। स्वामी श्रद्धानंद जी के बलिदान दिवस की स्मृति में आयोजित गीता ज्ञान सप्ताह के छठे दिन अत्यंत श्रद्धा और भक्ति भाव से सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
पूजनीय गायत्री देवी ने कल गीता के पाँचवें अध्याय का प्रारंभ किया था जिसे आज उन्होंने आगे बढ़ाया। उन्होंने अध्याय के लोकों को सरल भाषा में समझाते हुए जीवन में उनके व्यवहारिक प्रयोग पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने प्लास्टिक का उपयोग न करने और स्वच्छता को अपनाने की सलहा दी। उन्होंने समझाया कि गीता का संदेश केवल आध्यात्मिक जीवन तक सीमित नहीं है बल्कि हमारे दैनिक जीवन में भी लागू होता है। स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को धर्म का हिस्सा मानते हुए उन्होंने सभी को प्रेरित किया कि प्लास्टिक का प्रयोग कम करें और समाज को स्वच्छ बनाएँ। आज के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त सहायक आयुक्त मोहनदर शर्मा तथा डॉ. मूल राज शर्मा ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। उनके विचारों ने उपस्थित जनों को प्रेरित किया और गीता के संदेश को जीवन में उतारने की दिशा दी। आर्य समाज के अध्यक्ष विषन भारती ने कार्यक्रम की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी सहयोगियों और उपस्थित जनों का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि 23 दिसंबर मंगलवार को गीता ज्ञान सप्ताह का समापन होगा। इस अवसर पर स्वामी श्रद्धानंद बलिदान दिवस पर विशिष्ट वक्ता अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। कार्यक्रम के अंत में पूजनीय गायत्री देवी का प्रवचन सुनने को मिलेगा। इसके पश्चात भंडारे का आयोजन किया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया

