जेके सरकार ने खनिज परिवहन वाहनों के लिए जीपीएस, आरएफआयडी अनिवार्य किया, 26 जनवरी की समय सीमा तय की

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जेके सरकार ने खनिज परिवहन वाहनों के लिए जीपीएस, आरएफआयडी अनिवार्य किया, 26 जनवरी की समय सीमा तय की


जम्मू, 18 दिसंबर हि.स.। जम्मू और कश्मीर सरकार ने छोटे खनिजों की रियायत, भंडारण और परिवहन को नियंत्रित करने वाले नियमों में संशोधन किया है जिससे केंद्र शासित प्रदेश में खनिज परिवहन के लिए जीपीएस सक्षम वाहन, आरएफआयडी पंजीकरण और एक वैध ई-चालान अनिवार्य हो गया है।

खनन विभाग ने सभी खनिज परिवहन के लिए जीपीएस , आरएफआयडी और ई-चालान अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए 26 जनवरी की समय सीमा तय की है यह कदम केंद्र शासित प्रदेश में बड़े पैमाने पर अवैध खनन पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

खनन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल कुमार सिंह द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के तहत जम्मू और कश्मीर लघु खनिज रियायत खनिजों का भंडारण, परिवहन और अवैध खनन की रोकथाम नियम, 2016 में संशोधन किए गए हैं।

संशोधित नियम 71 के अनुसार कोई भी खनिज रियायतकर्ता जिसमें खनन पट्टेदार, लाइसेंसधारी, परमिट धारक, क्रशर इकाई धारक और ईंट भट्ठा इकाई धारक शामिल हैं विभाग के साथ पंजीकृत जीपीएस सक्षम वाहनों और एक अद्वितीय , आरएफआयडी नंबर वाले वाहनों के बिना त्ठड, नाला कीचड़, पत्थर, बोल्डर, रेत, मिट्टी, कुचली हुई बजरी और ईंटों जैसे खनिजों का परिवहन नहीं करेगा या नहीं करवाएगा अधिसूचना में कहा गया है।

इसमें आगे कहा गया है कि खनिजों के परिवहन के लिए विभाग के निर्दिष्ट ई-चालान वेब पोर्टल के माध्यम से उत्पन्न कयोंआर कोड या वॉटरमार्क वाला फॉर्म ऐ में एक वैध ई-चालान भी आवश्यक होगा।

सरकार ने यह भी अनिवार्य किया है कि खनिजों के निष्कर्षण और परिवहन में लगे सभी वाहनों और मशीनरी को विभाग के साथ पंजीकृत होना चाहिए और प्रभावी निगरानी और अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए चालू जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम से लैस होना चाहिए।

इसके अलावा कच्चे या प्रसंस्कृत छोटे खनिजों के परिवहन के लिए पट्टेदार लाइसेंसधारी, परमिट धारक या क्रशर इकाई धारक द्वारा खेप पाने वाले या खरीदार को जीएसटी अनुरूप चालान जारी किया जाना चाहिए।

अधिकारियों ने बताया कि सांबा जिले में जीपीएस सक्षम खनिज ले जाने वाले वाहनों का एक पायलट रन सफलतापूर्वक आयोजित किया गया है और विभाग एक व्यापक जागरूकता और प्रवर्तन अभियान के बाद 26 जनवरी, 2026 तक पूरे केंद्र शासित प्रदेश में सभी खनिज परिवहन के लिए जीपीएस आरएफआयडी और ई-चालान अनुपालन का विस्तार करने की योजना बना रहा है। विभाग अवैध खनन की घटनाओं पर तेज़ी से कार्रवाई करने के लिए ज़िला स्तर पर आधुनिक गैजेट और लॉजिस्टिक्स से लैस क्विक रिस्पॉन्स टीमें कयोंआरटी भी बना रहा है। उन्होंने बताया कि उल्लंघन करने पर मौके पर ही डिजिटल चालान और कंपाउंडिंग के लिए प्रवर्तन एजेंसियों को पॉइंट-ऑफ-सेल मशीनें दी जा रही हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / राधा पंडिता

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