चेक बाउंस मामले में दोषी को आठ महीने की जेल और 2.65 लाख रुपये से ज्यादा के मुआवज़े का आदेश
बडगाम, 30 दिसंबर (हि.स.)। बीरवाह की एक स्थानीय अदालत ने चेक अनादरण मामले में बडगाम निवासी को दोषी ठहराया है और उसे आठ महीने के साधारण कारावास के साथ 2.65 लाख रुपये से अधिक का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
बीरवाह के अतिरिक्त विशेष मोबाइल मजिस्ट्रेट की अदालत ने गोंडीपोरा बीरवाह निवासी हनीफ मोहम्मद शेख द्वारा परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के तहत दायर शिकायत पर यह फैसला सुनाया। यह मामला शेख ईंट भट्ठे से ईंटों की आपूर्ति के भुगतान हेतु 2019 में जारी किए गए चेक के अनादरण से संबंधित है। अदालती रिकॉर्ड के अनुसार आरोपी मोहम्मद रफीक शेख जो कावूसा खालिसा, नरबल का निवासी है ने बकाया राशि के भुगतान हेतु 1,91,798 रुपये का चेक जारी किया था। हालांकि अपर्याप्त धनराशि के कारण जम्मू और कश्मीर बैंक ने चेक को अस्वीकृत कर दिया। विधिवत कानूनी नोटिस भेजे जाने के बावजूद आरोपी निर्धारित अवधि के भीतर भुगतान करने में विफल रहा जिसके कारण शिकायतकर्ता को अदालत में कानूनी उपाय का सहारा लेना पड़ा।
मुकदमे की सुनवाई के दौरान अदालत ने बैंक अधिकारियों और डाक अधिकारियों के बयानों सहित मौखिक और दस्तावेजी साक्ष्यों की जांच की। रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री का मूल्यांकन करने के बाद अदालत ने पाया कि शिकायतकर्ता ने कानूनी रूप से लागू करने योग्य ऋण और आरोपी द्वारा चेक जारी किए जाने को सफलतापूर्वक साबित कर दिया है। बचाव पक्ष का पक्ष किसी भी विश्वसनीय साक्ष्य द्वारा समर्थित न होने के कारण खारिज कर दिया गया। दोषी पाए जाने पर अदालत ने आरोपी को आठ महीने के साधारण कारावास की सजा सुनाई। इसके अतिरिक्त उसे तीन महीने की अवधि के भीतर 2,65,640 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया गया जिसमें चेक की राशि और ब्याज शामिल है।
अदालत ने आगे आदेश दिया कि मुआवजे के भुगतान में चूक होने की स्थिति में आरोपी को दो महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। अदालत ने पाया कि चेक की राशि छह साल से अधिक समय से बकाया थी जिसके परिणामस्वरूप शिकायतकर्ता को आर्थिक नुकसान हुआ। आरोपी को सजा काटने के लिए श्रीनगर केंद्रीय जेल में रखने का भी आदेश दिया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता

