टाडा कोर्ट ने बटमालू हथियार मामले में कुलगाम के तीन लोगों को बरी किया

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श्रीनगर, 31 दिसंबर (हि.स.)। श्रीनगर में एनआईए अधिनियम के तहत विशेष अदालत ने तीन आरोपितों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। पुलिस ने इनके पास से हथगोले, एके-47 मैगजीन, गोला-बारूद और नकदी बरामद होने का दावा किया था।

यह मामला 10 अक्टूबर, 2022 को पुलिस स्टेशन बटमालू में दर्ज हुआ था, जब एक नाका पार्टी ने कमांड पोस्ट, बटमालू के पास तीन संदिग्धों को पकड़ा था। पुलिस ने आरोप लगाया था कि तीनों आरोपितों ने भागने का प्रयास किया और तलाशी लेने पर इनके पास से दो जीवित हथगोले, एक एके-47 मैगजीन, एके-47 के 30 जीवित राउंड और 47,500 रुपये (500 मूल्यवर्ग के 95 नोट) बरामद किए गए। पुलिस ने इनकी पहचान कुलगाम निवासी वाजिद अहमद भट, मसर्रत बिलाल भुरू और रमीज़ अहमद डार के रूप में बताई थी।

इन तीनों के खिलाफ पुलिस ने धारा 7/25 शस्त्र अधिनियम और धारा 13, 23, 39 यूएपीए के तहत आरोप पत्र दायर किया था। जांच के दौरान अपर्याप्त सबूतों के कारण विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और धारा 20 यूएपीए सहित कुछ धाराएं बाद में हटा दी गईं। मुद्रा प्रमाणपत्रों से नकदी असली होने की पुष्टि हुई। मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने 11 पुलिस और बम-निरोधक गवाहों से पूछताछ की। बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि प्रतिबंधित संगठन अल-बद्र के साथ संबंधों के संबंध में आरोपितों के कथित खुलासे अपुष्ट रहे। किसी भी वसूली या डिजिटल या वित्तीय निशान से आतंकवादी इरादे की पुष्टि नहीं हुई। अदालत में आरोपितों का बचाव वकील मीर उर्फी और वकील वहीद अहमद डार ने किया, जिन्होंने आतंकवाद से जुड़े अपराधों में आवश्यक सबूत के मानक को पूरा करने में अभियोजन की विफलता का हवाला देते हुए सामूहिक रूप से बरी करने के लिए दबाव डाला।

अदालत ने अमरजीत सिंह बनाम पंजाब राज्य (1995) और साहिब सिंह बनाम पंजाब राज्य (1997) सहित सुप्रीम कोर्ट के उदाहरणों पर भरोसा करते हुए कहा कि हथियारों को सील न करना और कस्टडी की कड़ियों का गायब होना सबूतों के वजन को प्रभावित करने वाली गंभीर कमजोरियां हैं।

विशेष न्यायाधीश मंजीत राय ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष सचेत, अनधिकृत रूप से हथियार रखने या उचित संदेह से परे किसी भी गैरकानूनी या आतंकवादी गतिविधि के साथ संबंध स्थापित करने में विफल रहा, जिससे आरोपितों को संदेह का लाभ मिला।

अदालत ने आदेश दिया कि कुलगाम जिले के आरोपित वाजिद अहमद भट, मसर्रत बिलाल भूरू और रमीज अहमद डार को किसी अन्य मामले में आवश्यक नहीं होने पर तुरंत रिहा किया जाए। इसने आगे फैसला सुनाया कि जब्त की गई नकदी को अपील अवधि की समाप्ति के बाद कानून के अनुसार निपटाया जाएगा, जबकि कथित हथियार और गोला-बारूद को जब्त कर लिया जाएगा और निर्णय अंतिम होने के बाद नियमों के अनुसार निपटान किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह

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