एसएसआईए प्रतिनिधिमंडल ने निदेशक उद्योग से मुलाकात की
जम्मू, 25 नवंबर (हि.स.) । लघु उद्योग संघ (एसएसआईए) डिगियाना के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को निदेशक उद्योग एवं वाणिज्य, जम्मू, अरुण मन्हास से मुलाकात की। उन्होंने निदेशक से नई इकाइयों के बराबर राज्य/केंद्रीय राजकोषीय प्रोत्साहन की अनुपलब्धता के कारण मौजूदा कार्यरत औद्योगिक इकाइयों और पर्याप्त विस्तार के तहत इकाइयों के मन में व्याप्त अनिश्चितता से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल में वेद शर्मा, सह-संयोजक भाजपा सभी सेल; जितेंद्र, संजय चोपड़ा, तिजिंदर मनोचा और सुभाष गोस्वामी शामिल थे।
वेद शर्मा ने भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना के तहत 1 अप्रैल, 2021 को या उसके बाद स्थापित होने वाली नई इकाइयों को प्लांट और मशीनरी में निवेश पर 300 प्रतिशत का जीएसटी-लिंक्ड प्रोत्साहन दिया गया है। हालाँकि, पर्याप्त विस्तार का विकल्प चुनने वाली मौजूदा इकाइयों को कोई सकल जीएसटी प्रतिपूर्ति प्रोत्साहन नहीं दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप मौजूदा इकाइयों को नई इकाइयों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
वेद शर्मा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अतीत में, जीएसटी शासन से पहले, भारत सरकार/राज्य सरकार की पिछली अधिसूचनाओं के अनुसार, नई इकाइयों के बराबर सभी राजकोषीय प्रोत्साहन हमेशा पर्याप्त विस्तार के तहत मौजूदा इकाइयों को भी दिए जाते थे। इन अधिसूचनाओं के आधार पर सभी राजकोषीय प्रोत्साहन हमेशा पर्याप्त विस्तार के तहत मौजूदा इकाइयों पर लागू होते थे। हालाँकि एनसीएसएस 2021 के तहत सकल जीएसटी प्रतिपूर्ति की प्रतिपूर्ति के रूप में राजकोषीय प्रोत्साहन मौजूदा इकाइयों पर लागू नहीं होते हैं यदि वे 1 अप्रैल, 2021 के बाद पर्याप्त विस्तार के लिए जाते हैं।
वेद शर्मा ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप ऐसी कई इकाइयां पहले से ही अपनी इकाइयों को बंद करने या देश के अन्य हिस्सों में स्थानांतरित होने की प्रक्रिया में हैं क्योंकि स्थानीय नुकसान के कारण निकट भविष्य में नई इकाइयों के साथ प्रतिस्पर्धा करना उनके लिए संभव नहीं है। इसके साथ ही सीमित स्थानीय बाज़ार रास्ते, और कच्चे माल और तैयार माल की उच्च परिवहन लागत भी चिंता का विषय होंगे। इसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर औद्योगिक श्रमिकों की छँटनी हो सकती है और बेरोजगारी में तेजी से वृद्धि हो सकती है।
प्रतिनिधिमंडल ने मौजूदा इकाइयों को टर्नओवर प्रोत्साहन की प्रतिपूर्ति के लिए बजटीय आवंटन में वृद्धि का भी अनुरोध किया। निदेशक आईएंडसी अरुण मन्हास ने एसएसआईए सदस्यों द्वारा उजागर किए गए सभी मुद्दों को धैर्यपूर्वक सुना और प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि मौजूदा औद्योगिक क्षेत्र के अस्तित्व के लिए सभी मुद्दों का समाधान किया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान
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