एसएमवीडीयू के शोधकर्ताओं को एआर-वीआर हेरिटेज संरक्षण परियोजना के लिए अनुदान मिला
जम्मू, 31 जनवरी (हि.स.)। एक उल्लेखनीय उपलब्धि में श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय (एसएमवीडीयू) के शोधकर्ताओं की एक टीम को भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के विज्ञान और विरासत अनुसंधान पहल (एसएचआरआई) कार्यक्रम के तहत 93 लाख रूपये का अनुसंधान अनुदान दिया गया है। यह अनुदान जम्मू और कश्मीर में लुप्त/लुप्तप्राय वास्तुकला विरासत स्थलों के लिए संवर्धित वास्तविकता और आभासी वास्तविकता आधारित विज़ुअलाइज़ेशन नामक उनकी परियोजना को निधि देगा।
स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर एंड लैंडस्केप डिज़ाइन के सहायक प्रोफेसर, विनोद कुमार के नेतृत्व में अनुसंधान दल में स्कूल ऑफ सिविल इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. भारत भूषण जिंदल और स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नवीन कुमार गोंधी सह-प्रमुख अन्वेषक के रूप में शामिल हैं। इस परियोजना का उद्देश्य जम्मू और कश्मीर के लुप्तप्राय या खो चुके वास्तुशिल्प विरासत स्थलों को डिजिटल रूप से पुनर्निर्माण और विज़ुअलाइज़ करने के लिए अत्याधुनिक संवर्धित वास्तविकता (एआर) और आभासी वास्तविकता (वीआर) तकनीकों का लाभ उठाना है। भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस), 3डी मॉडलिंग, पॉइंट क्लाउड डेटा प्रोसेसिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और कृत्रिम सिमुलेशन जैसे उन्नत उपकरणों का उपयोग नीति निर्माताओं, संरक्षणवादियों और आम जनता सहित हितधारकों के लिए इमर्सिव और इंटरैक्टिव अनुभव बनाने के लिए किया जाएगा।
एआर और वीआर को एकीकृत करके यह पहल विरासत संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने और क्षेत्र में टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास करती है। यह अग्रणी प्रयास आधुनिक तकनीक के माध्यम से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है। एसएमवीडीयू के कुलपति प्रो. (डॉ.) प्रगति कुमार, अनुसंधान एवं विकास के डीन प्रो. ए.के. दास डोगरा (सिविल इंजीनियरिंग) और डॉ. सुनंदा (कंप्यूटर साइंस) ने शोध टीम को उनकी सफलता पर बधाई दी।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा