भगवान की शरण में आने से मनुष्य का हर कष्ट दूर होता है : नागरमल शास्त्री
सांबा, 17 मार्च (हि.स.)। संगवाल में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में नागरमल शास्त्री जी महाराज ने अपने प्रवचनों में कहा कि श्रीमद्भागवत कथा कल्प वृक्ष के समान है। इससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। सभी व्यक्ति समय निकालकर भागवत कथा का श्रवण करें। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पुस्तक ही नहीं है बल्कि साक्षात भगवान श्रीकृष्ण का दर्शन है। इसके हर एक शब्द में भगवान विराजते हैं।इसके श्रवण से हरेक पाप से मुक्ति तो मिलती ही है,शरीर के अंदर दैविक शक्ति भी प्राप्त होती है।नागरमल शास्त्री ने कहा कि श्रीकृष्ण के जीवन को अपना आदर्श बनाकर, उसके अनुसार आचरण करके उस पथ के पथिक बन सकें।उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की शरण में आने से ही मानव जीवन का कल्याण संभव है। वे बहुत ही दयालु हैं, सच्चे मन से जिसने उनकी प्रार्थना की उन्हें जीवन-मरण से मुक्ति मिल जाती है।श्रीमद भागवत कथा के श्रवण से लौकिक तथा अध्यात्मिक विकास होता है।कलयुग में श्रीमद भागवत पुराण की कथा सुनने मात्र से ही व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है।उसको मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस कथा से व्यक्ति के अंदर का अंधकार दूर हो जाता है।
हिन्दुस्थान समाचार/अमनदीप/बलवान
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