अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से वाल्मिकियों को नया जीवन मिला : कवीन्द्र
जम्मू, 28 अक्टूबर (हि.स.)। पूर्ववर्ती राज्य से अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण ने वाल्मिकी समुदाय के सदस्यों को जीवन का एक नया पट्टा दिया है, जो उस भूमि पर रहते हैं जो उनके पूर्वजों को आवंटित की गई थी जब वे 1957 में गुरदासपुर जिले से तत्कालीन राज्य सरकार के निमंत्रण पर जम्मू में स्थानांतरित हुए थे। यह बात वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता ने जम्मू के वार्ड 20 स्थित वाल्मिकी कॉलोनी में वाल्मिकी जयंती समारोह के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए कही। राहुल कुमार पार्षद वार्ड 20, संदीप गुप्ता, रचित खोसला, रोहिन चंदन, सतवीर सिंह, विशाल गुप्ता और जंग बहादुर मौजूद रहे।
गुप्ता ने कहा कि यह उन लोगों के लिए एक सपना सच होने जैसा है जो पहले क्रमिक सरकारों के पूर्वाग्रह का शिकार थे जिन्होंने अनुच्छेद 370 की आड़ में कई लोगों का भविष्य बर्बाद कर दिया। उन्होंने कहा कि यह असहनीय है कि एक विशेष मानसिकता वाले राजनीतिक दल वर्षों से केंद्र शासित प्रदेश में उपरोक्त समुदायों के हितों पर कुठाराघात करने के लिए एक-दूसरे के प्रति समर्पित हैं। भाजपा ने उनके बुरे इरादों को समझने के बाद डब्ल्यूपीआर, गोरखाओं, वाल्मिकी समाज और अन्य लोगों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए क्रांतिकारी कदम उठाए ताकि जम्मू-कश्मीर में बिना किसी पूर्वाग्रह या भेदभाव के न्याय हो सके।
बीएच गुप्ता ने वाल्मिकी जयंती के शुभ अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने महर्षि वाल्मिकी की शिक्षाओं की स्थायी प्रासंगिकता और समाज पर उनके गहरे प्रभाव पर जोर दिया। वरिष्ठ भाजपा नेता ने महर्षि वाल्मिकी के कालातीत ज्ञान पर प्रकाश डाला, जिनके सामाजिक समानता और सद्भावना पर विचार हमारे समाज के लिए मार्गदर्शक के रूप में काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि वाल्मिकी की शिक्षाएं समय से परे थीं और किसी विशेष युग की सीमाओं से बंधी नहीं थीं। इसके बजाय, वे प्रेरणा और ज्ञान का स्रोत बने हुए हैं जो समकालीन समाज के साथ उतना ही मेल खाता है जितना प्राचीन काल में था। उन्होंने लोगों को महान संत के जीवन और शिक्षाओं से प्रेरणा लेने, हमारे विविध समाज में एकता, करुणा और समझ की भावना को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया।
हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान
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