शंकराचार्य जी से जम्मू कश्मीर में संस्कृत गुरुकुल की स्थापना करने का आग्रह
जम्मू, 13 मार्च (हि.स.)। श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के प्रधान ज्योतिषाचार्य महंत रोहित शास्त्री ने गोवर्धन पूरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अधोक्षजानंद देव तीर्थ जी महाराज से भेंट कर राज्य में सुविधा संपन्न संस्कृत गुरुकुल स्थापित करने का आग्रह किया। शंकराचार्य जी से मुलाकात के दौरान रोहित शास्त्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर की भूमि शैव दर्शन का सनातन केंद्र रही है। इसी पावन भूमि पर प्रत्यभिज्ञादर्शन के संस्थापक आचार्य अभिनवगुप्त, महाकवि कल्हण, महाकवि विल्हण और अनेक प्राचीन संस्कृत मनीषियों का उद्भव हुआ है। जिन आचार्यो ने अपने कर्मरूपी तप से न केवल भारतवर्ष को बल्कि संपूर्ण विश्व को एकता के सूत्र में पिरोने का मार्ग प्रशस्त किया था, वही पुण्यसलिला जम्मू-कश्मीर वसुंधरा आज संस्कृत से विलुप्त होती जा रही है।
वर्तमान में जम्मू कश्मीर में संस्कृत गुरुकुलों की कमी के कारण संस्कृत पढ़ने के इच्छुक विद्यार्थी चिंतित हैं। शास्त्री ने शंकराचार्य जी से आग्रह किया कि यदि आप जम्मू कश्मीर में संस्कृत गुरुकुल की स्थापना करें तो प्रदेश में विलुप्त हुए संस्कृत धर्म दर्शन की पुनर्प्रतिष्ठा संभव है। रोहित शास्त्री ने कहा की इस विषय पर सकारात्मक परिणाम के लिए राज्य में संस्कृत भाषा के विकास के लिए जिम्मेदार कारकों पर चर्चा करने की आवश्कता है। जम्मू मंदिरों के शहर के नाम से विश्व भर में प्रसिद्ध है, लेकिन संस्कृत छात्रों को सुविधाओं और पर्याप्त अवसरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस मौके पर रोहित शास्त्री ने गोवर्धन पूरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अधोक्षजानंद देव तीर्थ जी महाराज जी को धर्मस्थली पुस्तक भेंट की।
हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।