राशन कार्ड के विभाजन और ओबीसी आरक्षण के मुद्दे उठाए

राशन कार्ड के विभाजन और ओबीसी आरक्षण के मुद्दे उठाए
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राशन कार्ड के विभाजन और ओबीसी आरक्षण के मुद्दे उठाए


जम्मू, 3 जुलाई (हि.स.)। भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील प्रजापति ने बुधवार को उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री (एमओएस) और सामाजिक न्याय और अधिकारिता, बीएल वर्मा से मुलाकात की और उन्हें राशन कार्ड के विभाजन/संशोधन और जम्मू-कश्मीर यूटी में ओबीसी के लिए आरक्षण में विसंगतियों से संबंधित सार्वजनिक मुद्दों से अवगत कराया।

प्रजापति ने राज्य मंत्री बीएल वर्मा को सौंपे गए ज्ञापन में कहा है कि जम्मू-कश्मीर यूटी के लोग 8-10 वर्षों से राशन कार्ड के विभाजन/संशोधन न होने के कारण बहुत कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में राशन कार्डों की अंतिम बार समीक्षा/विभाजन 2015-16 के दौरान किया गया था। उसके बाद, कई परिवार अपने मुखिया से अलग हो गए हैं और मौजूदा परिवारों में पैदा हुए कई बच्चों के बावजूद राशन कार्डों की समीक्षा, अद्यतन या विभाजन नहीं किया गया है, जिसके कारण कई लोग राशन कार्डों में संशोधन न होने के कारण प्रतिकूल रूप से पीड़ित हैं।

इसके अलावा, प्रजापति ने ओबीसी वर्ग के आरक्षण के मुद्दों को भी उठाया, जिसमें केंद्र की ओबीसी सूची में नई जोड़ी गई 15 ओबीसी जातियों को अद्यतन करने का मुद्दा शामिल है। एक अन्य मुद्दा उठाते हुए उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने यूटी के लिए ओबीसी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए केंद्र की क्रीमी लेयर नीति को नहीं अपनाया है, लेकिन सामाजिक जाति (ओएससी) श्रेणी के लिए अनुच्छेद 370 के समय की सरकारों द्वारा बनाए गए नियमों को लागू किया जा रहा है, जो क्रीमी लेयर के लिए केंद्र सरकार के आदेशों की भावना के खिलाफ है क्योंकि वेतन और कृषि भूमि से आय की गणना वार्षिक आय में नहीं की जाती है, लेकिन जम्मू-कश्मीर यूटी सरकार वेतन और कृषि आय सहित हर स्रोत से आय को शामिल करती है। जिसके कारण कई पात्र लोग ओबीसी प्रमाण पत्र से वंचित रह जाते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान

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