हमारे प्राचीन ग्रंथ गणित, चिकित्सा, भौतिकी, वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान, कला और मानविकी के ज्ञान का खजाना हैं-उपराज्यपाल

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हमारे प्राचीन ग्रंथ गणित, चिकित्सा, भौतिकी, वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान, कला और मानविकी के ज्ञान का खजाना हैं-उपराज्यपाल


जम्मू, 19 दिसंबर (हि.स.)। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज लोक भवन में श्री कैलाश ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित वार्षिक पत्रिका “कर्तव्य मार्ग” के चौथे अंक का विमोचन किया। उपराज्यपाल ने संपादक और प्रकाशन से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने भारत की प्राचीन ज्ञान परंपराओं, लोक संस्कृति, ज्योतिष और वैदिक विज्ञान को बढ़ावा देने के साथ-साथ समाज में नैतिक जागरूकता और सांस्कृतिक गौरव को बढ़ाने के लिए श्री कैलाश ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट की प्रतिबद्धता और समर्पित प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि वेदों में निहित और समग्र विश्वदृष्टि को समाहित करने वाली यह संपूर्ण ज्ञान प्रणाली आधुनिक चुनौतियों का समाधान प्रदान करेगी।

उपराज्यपाल ने कहा कि वेद और उपनिषद जैसे हमारे प्राचीन ग्रंथ गणित, चिकित्सा, भौतिकी, वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान, कला और मानविकी के ज्ञान का खजाना हैं। विभिन्न दार्शनिक विचारधाराएँ और कला एवं वास्तुकला आज भी एक मजबूत समाज के निर्माण के लिए अत्यंत प्रासंगिक हैं। उपराज्यपाल ने इस बात पर जोर दिया कि “कर्तव्य मार्ग” जैसी पहल युवा पीढ़ी को उनकी परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने में प्रेरणादायक भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को अपने वर्तमान जीवन में प्राचीन मूल्यों और आदर्शों को आत्मसात करना चाहिए।

उपराज्यपाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति, नैतिकता और मूल्य जटिल चुनौतियों का सामना करने और समाज में सद्भाव और एकता को बढ़ावा देने के लिए सद्गुणों को विकसित करने में सहायक होते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीन ज्ञान प्रणाली और अंतर्निहित बुद्धिमत्ता एक सफल आधुनिक विश्व के लिए खाका प्रस्तुत करती है, साथ ही सभी के कल्याण को सुनिश्चित करती है, सतत विकास और नवाचार के लिए एक रोडमैप प्रदान करती है और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों से प्रभावी ढंग से निपटने और एक सतत भविष्य के निर्माण के लिए एक समग्र ढांचा प्रदान करती है।

श्री कैलाश ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि यह वार्षिक प्रकाशन हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी और डोगरी भाषाओं में प्रकाशित होता है जिससे ज्ञान, संस्कृति और मूल्यों का इसका संदेश विभिन्न भाषाई और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के पाठकों तक पहुंचता है। इस अवसर पर ट्रस्ट के सदस्य प्रो. शरत शर्मा, डॉ. विश्व गुप्ता, राजीव शर्मा, विनय अग्रवाल, विनय जमवाल, निगम गुप्ता, राकेश गंडोत्रा, नरेश रैना, लकी शर्मा, प्रबोध शर्मा, एम.एल. वर्मा, डॉ. विवेक आर्य, योगिंदर सिंह और सतीश जांड्याल उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह

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