बौद्धिक संपदा अधिकार, उद्यमिता और स्टार्टअप इकोसिस्टम पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
जम्मू, 5 जून (हि.स.)। सीएसआईआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन, जम्मू के तत्वावधान में बायोनेस्ट बायोइन्क्यूबेशन सेंटर, आईआईआईएम-टीबीआई ने बुधवार को “बौद्धिक संपदा अधिकार, आईपीआर, उद्यमिता और स्टार्टअप इकोसिस्टम” पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की, जिसमें जम्मू विश्वविद्यालय के लॉ स्कूल और डोगरा लॉ कॉलेज, जम्मू के 40 छात्रों ने भाग लिया।
सीएसआईआर-आईआईआईएम के निदेशक डॉ. ज़बीर अहमद ने अपने अध्यक्षीय भाषण में छात्रों के बीच आईपीआर और पेटेंट के बारे में जागरूकता बढ़ाने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने वैज्ञानिक प्रतिष्ठानों द्वारा पेटेंट, कॉपीराइट और ट्रेडमार्क हासिल करने के महत्व पर भी बात की। इसके अलावा, आईआईआईएम की पहलों के बारे में बात करते हुए उन्होंने आईआईआईएम बायोनेस्ट इनक्यूबेटर की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया, जो अपने रोड शो, हैकथॉन, सिटी कैंप, कार्यशालाओं और इसी तरह की पहलों के माध्यम से जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में स्थानीय समुदाय के बीच जागरूकता पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं विकसित भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
इससे पहले आईआईआईएम-टीबीआई के प्रधान अन्वेषक डॉ. सौरभ सरन ने अपने स्वागत भाषण में आयोजित कार्यशाला का अवलोकन प्रदान किया। उन्होंने प्रतिभागियों को बौद्धिक संपदा अधिकार, उद्यमिता और स्टार्टअप इकोसिस्टम पर एक दिवसीय कार्यशाला का अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि ये कार्यशालाएं युवा कॉलेज के छात्रों को भी उत्साह का स्वाद प्रदान करती हैं और उन्हें आईपीआर और उद्यमिता को करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकती हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान
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