नटरंग ने जाल नाटक का मंचन किया

नटरंग ने जाल नाटक का मंचन किया
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नटरंग ने जाल नाटक का मंचन किया


जम्मू, 31 दिसंबर (हि.स.) । रविवार को बलवंत ठाकुर के हार्ड हिटिंग हिंदी नाटक 'जाल' का यहां रानी पार्क, जम्मू में मंचन किया गया। नीरज कांत ने नाटक का निर्देशन किया। प्रारंभ में सभा को संबोधित करते हुए नटरंग के निदेशक बलवंत ठाकुर ने कहा कि 2023 को विदाई देते हुए और 2024 का स्वागत करते हुए नटरंग ने एक नाटक प्रस्तुत करने का फैसला किया जो समकालीन समय की सबसे बड़ी चुनौती को संबोधित करता है। इससे पहले कि यह 'उड़ता जम्मू' बन जाए, यह हर किसी की जिम्मेदारी बन जाती है कि वह आगे आएं और इस बढ़ते खतरे से लड़ें।

नाटक 'जाल' किसी एक कहानी पर आधारित नहीं था, बल्कि इसमें छोटी छोटी विभिन्न कहानियों का संग्रह है। एक दृश्य में एक युवा लड़के को स्कूल पास करने और कॉलेज में प्रवेश के बाद एक अच्छी कंपनी के लिए संघर्ष करते दिखाया गया है। नशे का उपभोक्ता न होने के कारण उसे अलग-थलग कर दिया गया है। उसके चारों ओर उसके साथ एक बच्चे की तरह व्यवहार किया जाता है जो वास्तव में उसे निराश करता है और यह साबित करने के लिए कि वह अब एक युवा व्यक्ति के रूप में बड़ा हो गया है, वह सबसे आसान तरीका ढूंढता है और विभिन्न प्रकार के नशे का सेवन करके अपने वयस्क होने का प्रदर्शन करता है।

एक अन्य दृश्य में ग्रामीण आबादी विशेषकर पुरुषों को शराब की लत में डूबा हुआ दिखाया गया है। एक ग्रामीण की दिनचर्या दिखाई गई है जो अपनी प्रतिदिन की सारी कमाई शराब में उड़ा देता है। पूरी तरह से नशे में होने के कारण वह घर का रास्ता भूल गया है। एक स्थानीय व्यक्ति उसे उसके घर पर ले जाता है। आधी रात हो गई होती है। उसकी पत्नी और बच्चे सो गए थे। यह शराबी आदमी अपने आने पर उसका स्वागत न करने पर अपनी सो रही पत्नी और बच्चों को पीटना शुरू कर देता है। जब एक आदमी गरीब महिला और बच्चों को बचाने के लिए हस्तक्षेप करता है, तो उस पर अपनी पत्नी के प्रति दुर्भावनापूर्ण इरादे रखने का आरोप लगाया जाता है। ये लड़ाई तब और बिगड़ जाती है जब एक शराबी होश खोकर अपने घर के सामान को भी नुकसान पहुंचाता है।

यह नाटक उन घटनाओं की एक श्रृंखला को उजागर करता है जहां ड्रग्स, शराब और अन्य नशे से प्रभावित लोग अपने साथ-साथ दूसरों के लिए भी नरक बनाते हैं। बढ़ती नशीली दवाओं के खतरे की इस आग में कई अनमोल जिंदगियां जल रही हैं, जिन्हें नशे के जाल से बाहर निकालने के लिए एकजुट होकर लड़ना होगा। इस नाटक के माध्यम से बलवंत ठाकुर ने दिन-ब-दिन अपना विस्तार कर रहे इस ड्रैगन से मानव जाति को बचाने की अपील करने की कोशिश की है।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान

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