भूमिका मंदिर में मां वैष्णो ने कन्या रूप में पंडित श्री धर को दिए थे दर्शन
जम्मू,, 5 अप्रैल (हि.स.)। श्रद्धा और आस्था से परिपूर्ण वैष्णो देवी की यात्रा को जाने वाले हर श्रद्धालु की अभिलाषा होती है कि वह हर उस स्थान पर नमन करते हुए माता के दरबार तक पहुंचे, जहां पर कभी मां भगवती ने विश्राम किया था
भूमिका मंदिर आधार शिविर कटड़ा से करीब एक कि.मी दूरी पर स्थित है। यहां श्री माता वैष्णो देवी जी के परम भक्त श्रीधर रहते थे। उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय थी परंतु मां वैष्णो देवी जी के प्रति उनके मन में गहरी आस्था व श्रद्धा के चलते उनका परिवार अत्यंत सुखी था।
पौराणिक कथा के अनुसार एक दिन बाबा श्रीधर को मां वैष्णवी ने एक दिव्य कन्या के रूप में दर्शन दिए। मां ने उन्हें आदेश दिया कि वह भंडारे का आयोजन करें तथा उसमें सभी विद्वानों व ब्राह्मणों को आमंत्रित करें। मा के आदेश अनुसार श्रीधर भंडारे के आयोजन में जुट गए। उसके बाद नगर के विद्वानों तथा ब्राह्मणों को आमंत्रित करने पहुंचे लेकिन उनको चिंता सता रही थी कि वे भंडारे में भोजन की व्यवस्था कैसे करेंगे। सुबह जब वह उठे तो भंडारे की व्यवस्था देख दंग रह गए। भंडारा शुरू हुआ और श्रीधर ब्राह्मणों को भोजन परोसने में जुट गए। कहा जाता है कि भैरो नाथ भी अपने शिष्यों के साथ भंडारे में पहुंचा। उसने श्रीधर व कन्या रूपी मां वैष्णवी से मांस व मदिरा की मांग की। माता ने जब मांस मदिरा देने से इंकार किया तो भैरो नाथ माता के साथ अभद्र व्यवहार पर उतारू हो गया। इसी कारण मां वैष्णो वहां से अंतध्र्यान होकर त्रिकुटा पर्वत की ओर प्रस्थान कर गई। इस मंदिर की मान्यता है कि जो श्रद्धालु मां वैष्णो देवी जी के दर्शनों के बाद यहां आकर कन्या पूजन करता है तो मां भगवती उसकी सभी मनोकामना पूरी करती है।
प्राचीनकाल से ही इस तीर्थ स्थल का विशेष महत्व है। आज भी जो श्रद्धालु इस पवित्र स्थल के महत्व के बारे में जानते हैं, वह मां वैष्णो देवी के दर्शनों के बाद भूमिका मंदिर में माथा टेककर कन्या पूजन करते हैं। इसके उपरांत ही श्रद्धालु अपनी यात्रा को संपूर्ण मानते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / अश्वनी गुप्ता