कश्मीर में जन्मे मनोचिकित्सक को ब्रिटेन में 'मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल ऑफ द ईयर' पुरस्कार से किया सम्मानित

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कश्मीर, 16 दिसंबर (हि.स.)। कश्मीर में जन्मीं सलाहकार मनोचिकित्सक और यूनाइटेड किंगडम के हर्टफोर्डशायर पार्टनरशिप एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट में विशेषज्ञ मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की नैदानिक ​​निदेशक डॉ. शाहीन असलम शोरा को ब्रिटिश मुस्लिम हेल्थ अवार्ड्स 2025 के उद्घाटन समारोह में प्रतिष्ठित 'मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल ऑफ द ईयर' का खिताब दिया गया है।

डॉ. शोरा को मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनकी असाधारण लगन, करुणा और नेतृत्व के साथ-साथ धर्मार्थ कार्यों के प्रति उनकी निरंतर प्रतिबद्धता और वंचित समुदायों के लिए मानसिक स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच में सुधार के सम्मान में यह पुरस्कार प्रदान किया गया।

श्रीनगर में जन्मी और पली-बढ़ी डॉ. शोरा ने अपनी स्कूली शिक्षा मल्लिंसन गर्ल्स स्कूल से पूरी की जहाँ फिर वे प्रधानाध्यापक रहीं। उन्होंने एसकेआईएमएस मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की और बाद में चेन्नई से मनोवैज्ञानिक परामर्श में डिप्लोमा किया। अपने करियर के आरंभ में, उन्होंने डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के साथ स्वयंसेवी के रूप में काम किया, जहाँ उन्होंने संवेदनशील आबादी के लिए आघात परामर्श कार्यशालाओं का आयोजन किया।

डॉ. शोरा 2002 में यूनाइटेड किंगडम चली गईं और 2005 में रॉयल कॉलेज ऑफ साइकियाट्रिस्ट्स की सदस्य बनीं। मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान में उनके उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देते हुए उन्हें 2023 में रॉयल कॉलेज ऑफ साइकियाट्रिस्ट्स की फेलोशिप से सम्मानित किया गया।

एक दयालु चिकित्सक और समावेशी नेता के रूप में जानी जाने वाली डॉ. शोरा समानता, विविधता और समावेश की प्रबल समर्थक हैं। वर्तमान में वे रॉयल कॉलेज ऑफ साइकियाट्रिस्ट्स की राष्ट्रीय इक्विटी चैंपियन और कॉलेज के वृद्धावस्था संकाय की कार्यकारी सदस्य हैं। इन भूमिकाओं में उन्होंने रोगी देखभाल, सुरक्षा और सेवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए अथक प्रयास किया है, जिससे सभी सामाजिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लोगों के लिए बेहतर परिणाम सुनिश्चित हो सकें।

अपने नैदानिक ​​दायित्वों के अलावा, डॉ. शोरा अपनी जड़ों से गहराई से जुड़ी हुई हैं। वह ब्रिटिश कश्मीरी मेडिकल एसोसिएशन की महासचिव हैं और उन्होंने ब्रिटेन में रहने वाले कश्मीरी समुदाय को एकजुट करने वाले शैक्षिक सम्मेलनों और सामुदायिक कार्यक्रमों के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह वंचित समुदायों में स्वास्थ्य सेवा को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे धर्मार्थ कार्यों में भी सक्रिय रूप से सहयोग करती हैं।

डॉ. शोरा अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के प्रोत्साहन और निःस्वार्थ प्रेम, अपने पति के अटूट समर्थन, अपने सलाहकारों और सहकर्मियों के मार्गदर्शन और ब्रिटेन तथा कश्मीर में अपने परिवार और करीबी दोस्तों के सहयोग को देती हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / SONIA LALOTRA

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