खानाबदोश जनजातियों के उत्थान के लिए ‘मरमत मेला’ का आयोजन किया
जम्मू, 29 नवंबर (हि.स.)। स्थानीय आबादी से जुड़ने और उनका समर्थन करने के एक प्रयास में मरमत में भारतीय सेना ने 28 नवंबर से 30 नवंबर तक चलने वाले जीवंत मरमत मेले की शुरुआत की थी। यह कल्याणकारी पहल गुज्जर और बक्करवाल समुदायों के उत्थान और प्रेरणा का प्रयास करती है जो मरमत की ऊंची पहाड़ियों के दूरदराज के चरागाहों में खानाबदोश जीवन की कठोर चुनौतियों को झेलते हैं।
इस कार्यक्रम में सौहार्द और अपनेपन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई तरह की गतिविधियाँ शामिल हैं। एक मुख्य आकर्षण उत्साही घुड़दौड़ थी जिसमें 32 सवारों की असाधारण घुड़सवारी का प्रदर्शन किया गया। प्रतियोगिता में 530 से अधिक गुज्जर और बक्करवाल उपस्थित लोगों और 15 घोड़ों सहित उत्साही दर्शकों ने अपनी सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाया।
60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक विशेष रन फॉर फन कार्यक्रम ने भी एक अनूठा स्पर्श जोड़ा जिसमें 11 उत्साही प्रतिभागियों ने चुनौती स्वीकार की। मरमट प्रशासन के प्रतिष्ठित सदस्यों ने इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और भारतीय सेना के अटूट समर्पण के लिए समुदाय की सराहना पर जोर दिया।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा
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